शिवगंगा अभियान के तहत हलमा के हाथी पावा पहाड़ी पर पहुंचे मुख्यमंत्री ,राज्यपाल,,
40000 वनवासियों के साथ सामूहिक कंटूर टेस्टिंग खोदने में बटाया हाथ
डेस्क,,
झाबुआ। मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिला मुख्यालय पर शिवगंगा के माध्यम से हलमा का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने हिस्सा लिया और हाथीपावा पहाडी पर 40 हजार वनवासियों के साथ सामूहिक कंटूर ट्रेचिंग खोदने के काम में हाथ बटाया। झाबुआ, आलिराजपुर, दाहोद, बांसवाडा, पंचमहाल आदि जिलों के 1500 गांवों से 40 हजार से अधिक आदिवासी पुरूश, महिलाऐं और बच्चे हलमा मेें हिस्सा लेने आये, सुबह 8 बजे से 11 बजे तक हाथीपावा की पहाडी पर 40 हजार कंटॅूर खोदे गये। इस सामूहिक प्रयास से बारिस का जल जमीन में संरक्षित किया जा सकेगा और इससे झाबुआ सहित आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों का जमीन का वाटर लेवल बढेगा। साथ ही हाथीपावा की पहाडी को हरा भरा करने के लिये वृहत स्तर पर पौधा रोपण भी किया गया।
स्थानिय हवाई पट्टी पर हलमा जन जाग्रति सम्मेलन एवं झाबुआ जिले की विकास यात्रा का समापन कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। जिसमें बोलते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान ने कहां की प्रदेश में किसी क्षेत्र मेें धर्मातंरतरण नहीं होने दिया जायेगा, मुख्यमंत्री ने यह भी कहां की झाबुआ का हलमा अब पूरे प्रदेष की पहचान बनेगा और इसे पूरे प्रदेश मेें आदिवासी क्षेत्रों में लागू किया जायेगा। शिवराजसिंह चैहान ने आज के इस आयोजन में स्व. सांसद दिलीप सिंह भूरिया को पेसा कानून का जनक बताते हुए उनके चरणों में नमन करते हुए दिलीप सिंह भूरिया के प्रति आभार प्रकट करते हुए स्व. दिलीप सिंह भूरिया की पुत्री पूर्व विधायक सुश्री निर्मला भूरिया को आभार पत्र भी प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आदिवासी बहनों को लाडली बहना योजना की समग्र जानकारी दी और पेसा कानून के बारे मेें आदिवासीयों को एक प्रोफेसर की तरह अच्छे से क्लास लेते हुए पढाया
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इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विकास यात्रा प्रदर्षनी का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री का मंच पर जिला भाजपा अध्यक्ष भानू भूरिया ने साफा बांध कर और तिर कमान भेंट कर स्वागत किया। आपके साथ ही मंच पर आदिवासी आयोग के अध्यक्ष हर्ष चैहान, शिवगंगा प्रमुख महेश शर्मा सांसद गुमानसिंह डामोर, सुश्री निर्मला भूरिया, आदिवासी संत कानू जी महाराज सहित कलेक्टर श्रीमति रजनी सिंह, पुलिस अधिक्षक अगम जैन सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं बडी संख्या में आदिवासी समुदाय उपस्थित था।
मुख्यमंत्री आज जब हेलीकॉप्टर से सुबह हाथीपावा की पहाडी पर उतरे तो वे केसरिया कुर्ता पहने थे और हाथ मेें गेती लेकर उतरे। मुख्यमंत्री ने सभा स्थल पर अपने गले में ढोल लेकर उसे भी बजाया। झाबुआ में दो दिवसीय 25 व 26 फरवरी को हलमा का आयेाजन किया गया। जिसमें पहले दिन नगर में गैती यात्रा निकाली गई। हलमा का प्रारंभ प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने किया और आदिवासीयों को सिकलसेल योजना के बारे में जानकारी देते हुए उससे सर्तक रहने की बात बताई, राज्यपाल महोदय ने हलमा स्थल का भ्रमण भी किया और आज सुबह वे भोपाल के लिये रवाना हो गये।