*थांदला-पेटलावद- बदनावर मार्ग का चौड़ीकरण की बजाय फोरलेन बनाने पर सरकार कर रही मंथन*
*मार्ग चौड़ीकरण के टेंडर को रखा होल्ड पर*
*उज्जैन महाकुंभ मेला 2028 की तैयारियों में जुटी सरकार, क्षेत्रवासियों को मिल सकती है बड़ी सौगात*
(मनोज पुरोहीत,मनोज उपाध्याय,राजेश डामर)
पेटलावद। प्रयागराज महाकुंभ सिंहस्थ के बाद विश्व विख्यात सिंहस्थ महाकुंभ का मेला उज्जैन में 2028 में लगने वाला है।
*सिंहस्थ की तैयारियो में जुट रही सरकार*
इसकी तैयारियां प्रदेश सरकार ने प्रारम्भ कर दी है। सोमवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए प्रदेश के वित्तमंत्री ने उज्जैन सिंहस्थ मेले के लिये 2000 हजार करोड़ रुपये का बजट भी रखा है ।
*सड़को का किया जा रहा सुधार*
वही कुम्भ मेले में पहुचने वाले दर्शनार्थियों को कोई असुविधा न हो इसके लिए उज्जैन से जुड़ने वाली सभी सड़को का दुरुस्तीकरण या विस्तारीकरण कर नई बनाई जाएगी। इसी के मद्देनजर एक बार फिर तीन राज्यो को जोड़ने वाला कुशलगढ़- थांदला- पेटलावद -बदनावर मांर्ग को चौड़ीकरण करने का निर्णय लिया गया था, जिसके लिए सरकार की ओर से टेंडर प्रक्रिया की गई। टेंडर होने के बाद ठेकेदार कार्य शुरू ही करने वाले थे कि सरकार ने इस मार्ग के चौड़ी करण के कार्य को रोक दिया।
*सरकार फोर लेन बनाने पर कर रही विचार*
बताया जा रहा सरकार इस मार्ग पर यातायात के दबाव के चलते फोर लाइन सड़क बनाने पर विचार जा रहा है। एमपीआरडीसी के के अधिकारियों ने बताया कि मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य शुरू होना था लेकिन थांदला-बदनावर को फोरलेन बनाने पर विचार किया जा रहा है। अब सरकार के निर्णय के बाद ही पता चलेगा कि चौड़ीकरण होगा या फोर लाइन मांर्ग बनेगा।
*क्षेत्रवासियों को होगा फायदा*
अगर फोर लाइन बनाने पर निर्णय होता है तो आदिवासी अंचल झाबुआ जिले के बाशिंदों के लिए खुशखबरी से कम नही होगी। क्षेत्र को कई राज्यों से जोड़ने वाला थांदला बदनावर मांर्ग को फोरलेन की सौगात मिलती है तो जिले का संपर्क न केवल गुजरात से सीधे जुड़ जाएगा, साथ ही व्यापार के हित में भी यह मार्ग काफी उपयोगी साबित होगा।
*अंधे मोड़ ओर भारी यातायात के दबाव के चलते होती है दुर्धटना*
थांदला- बदनावर होते हुए उज्जैन तक के इस मार्ग को साल 2005-06 में टू लेन बनाया गया था। जब यह ट्लेन बना था तो कई जगह घुमावदार होने से दुर्घटनाएं बढ़ने लगी थी जो सिलसिला आज भी यथावत है और सैकड़ो लोगो की जान इस मार्ग पर जा चुकी है । बढ़ती दुर्धटनाओ के चलते प्रशासन ने सर्वे कर घुमाववाली सड़क के साईड के शोल्डर चौड़े करवाए थे लेकिन यातायात के बढ़ते दबाव कारण दुर्धटनाओ में कोई खास कमी नही देखी गई। यही कारण है कि सरकार फोर लाइन बनाने पर विचार कर रही है।
*बदनावर-उज्जैन फोर लेन की तर्ज पर बन सकता है मार्ग*
वर्तमान में बदनावर से उज्जैन तक का नया फोरलेन मार्ग बनाया गया है। जो पूर्व में इस मार्ग में आने वाले प्रमुख नगरों को छोड़ कर बहार-बहार निकाल कर ट्रैफिक की भारी परेशानियों से निजाद दिला दी। अब बदनावर-थांदला मार्ग को चौड़ीकरण की बजाए फोरलेन बनाने की तैयारी की जा रही है अगर ऐसा होता है तो इस मार्ग में भारी परिवर्तन हो सकता है, और कई प्रमुख नगर इस मार्ग के दायरे से बहार हो सकते है। नए फोरलेन को लेकर अलग-अलग सर्वे किये गए है जिसके तहत नया फोरलेन बन सकता है ।
*16 वर्ष पहले बना टूलेन*
उल्लेखनीय हे कि पेटलावद-थांदला तक की सड़क एमपीआरडीसी के अधीन है, इसे करीब 16 वर्ष पहले टूलेन बनाया गया था। उक्त मार्ग पर वाहनों की आवाजाही की बढ़ती संख्या को देखते हुए इसे फोरलेन में तब्दील करने की संभावना थी। उज्जैन,बदनावर, पेटलावद, थांदला मार्ग को साल 2008 में टूलेन मार्ग बनाया गया था। यातायात के दबाव को देखते हुए इसे उज्जैन, बड़नगर, बदनावर होकर पेटलावद के अमरहोली तक 130 किमी तक फोर लाइन बनाने का प्रस्ताव था। इसकी लागत 1130 करोड़ रुपये आ रही थी। फोरलेन बनाने के लिए इसका सर्वे 2018 में किया गया था। इसे दाहोद के पास लिमड़ी तक जोड़ने की योजना भी प्रस्तावित थी। लेकिन काम में देरी होने से बाद निर्माण कार्य गति नहीं पकड़ पाया। गत वर्षों में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने उज्जैन, बदनावर 60.1 किमी स्टेट हाइवे 18 मार्ग को नेशनल हाइवे एच-752 डी राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया था, इसलिए उज्जैन से बदनावर तक सड़क चौड़ीकरण की स्थिति स्पष्ट हो गई, किंतु इसके आगे अमरहोली तक मार्ग को फोरलेन में तब्दील करने की प्रक्रिया फिलहाल ठंडे बस्ते में चली गई थी।
*-राजस्थान को जोड़ने के लिए राशि स्वीकृत हुई थी:-*
सिंहस्थ मेला 2028 के मद्देनजर उज्जैन को राजस्थान से जोड़ने वाले थांदला- बदनावर 78 किलोमीटर टु लाइन मांर्ग चौड़ीकरण के लिए 1432 करोड़ स्वीकृत हुए थे। इसे 12 किमी विस्तार देकर राजस्थान के कुशलगढ़ तक कुल 10 किमी मार्ग 432 करोड़ की लागत से 12 मीटर चौड़े टू-लेन निर्माण की स्वीकृति मिली थी, जिसका काम अभी रोक दिया है। अब इस मांर्ग को फोर लाइन बनाने पर विचार चल रहा है।
*ये होंगे फायदे*
1 वाहनों का दबाव कम होगा और दुर्घटनाए कम होगी।
2 वाहन चालकों को शहरों में नही आना होगा॥
3 सिटी में वाहनों का दबाव कम होगा।
4 यातायात सुगम होगा, दुर्घटनाए कम होगी।
*फोर लाइन बनाने के लिए कार्य रोक गया*
उज्जैन के राजस्थान से जोड़ने वाले बदनावर थांदला कुशलगढ़ मांर्ग के चौड़ीकरण कार्य शुरू होना था। सरकार इस मांर्ग को फोर लाइन बनाने पर विचार कर रही है। सरकार का निर्णय आते ही कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
*प्रदीप चौहान एजीएम एमपीआरडीसी धार*