*सामाजिक समरसता मातृशक्ति आयाम ने मनाई महर्षि वाल्मीकिजी की जयन्ती*
(मनोज पुरौहित)
पेटलावद । सामाजिक समरसता मातृशक्ति आयाम की बहनो द्वारा स्थानीय गांधी चौक में गुरुवार 17 अक्टूम्बर को महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाइ ।
*जीवन से ले प्रेरणा*
तत्द्च्यात छात्रावास आयाम सह प्रमुख पूजा परमार द्वारा विषय रखा गया जिसमे कहा गया की भगवान वाल्मीकि जी जिन्हें 'आदि कवि' के रूप में जाना जाता है, ने अपने जीवन और कृतियों के माध्यम से समरसता और एकता का एक गहरा संदेश दिया। उनकी रचना, "रामायण", केवल एक महान साहित्यिक कृति नहीं, बल्कि मानवता के लिए एक मार्गदर्शक है। आगे उन्होंने कहा की
सभी वर्गों, जातियो के बीच आपसी समझ और सहयोग रहना चहिये। वाल्मीकि जी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से हमें सिखाया कि हमें एक-दूसरे के प्रति सहिष्णुता और सम्मान रखना चाहिए। उनका संदेश है कि समाज में एकता से ही हम सभी मुश्किलों का सामना कर सकते हैं। फिर महर्षि वाल्मीकि जी और भगवान श्री राम की आरती की गई
*ये रहे उपस्थित*
इस मौके पर समरसता की बहने मोना मेहता, देव बाला सोनी, कमल सोनी, समता सोनी , नेहा संवेदी,उषा पवार, दीप्ति परमार, लक्ष्मी आचार्य,विनीता चतुर्वेदी, साक्षी अग्रवाल,उपस्थित रहे ओर अन्त मे नितु जानि ने आभार व्यक्त किया , कार्यक्रम मे बड़ी संख्या में समाज जन भी उपस्थित रहे ।