श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन भगवान कृष्ण के अवतरण पर भक्तगण झूमे नाचे और उत्साह से मनाया उत्सव**

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श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन भगवान कृष्ण के अवतरण पर भक्तगण झूमे नाचे और उत्साह से मनाया उत्सव**

 *श्रीमद् भागवत  कथा के चौथे दिन भगवान कृष्ण के अवतरण पर भक्तगण झूमे नाचे और उत्साह से मनाया उत्सव** 

 *भगवान का अवतरण भक्तों के दुःखों को दूर करने के लिए होता है- पं.मानस बापू* 

 *पेटलावद,,मनोज पुरोहित,,

,,,,‘नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की*

 ‘‘* के जयकारों के साथ कथा पांडाल में भक्तगण नाचते झूमते हुए एक दूसरे को बधाई दे कर भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया। भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की लीला को सचिव चित्रण के लिए छोटे बच्चें को कृष्ण और मुख्य यजमान मनोज पुरोहित को वासुदेव बना कर भगवान कृष्ण की मथुरा से गोकुल तक लाया गया।


 *भगवान का अवतरण क्यो हुआ?* 

भगवान कृष्ण का अवतरण अत्याचारी कंस के आंतक को खत्म करने और भक्तों की रक्षा के लिए हुआ। प्रभु की लीला प्रभु ही जाने। गोविंद के अवतरीत होते ही जेल के सभी बंधन टूट गये। यानी जब भगवान आपके हृदय में समाते है तो सभी बंधन टूट जाते है। और वासुदेव जी को रास्ता मिलता गया और भगवान कृष्ण मथुरा से गोकुल पहुंच गये।श्रीमद् भागवत  कथा के चौथे दिन उक्त कथा प्रसंग कहते हुए मानस बापू ने कहा कि भगवान के जीवन में आते ही सारी समस्या हल हो जाती है। भगवान के अवतरण से पृथ्वी लोक के सभी प्राणियों में नयी उर्जा का संचार हुआ।

 *कृष्ण जन्मोत्सव मनाया* 



कृष्ण जन्मोत्सव की धूम में फूलों की वर्षा की गई और माखन मिश्री का भोग लगाकर प्रसाद वितरण की गई। महिलाओं ने गरबें किये और आनंद के साथ पूरा उत्सव मनाया गया। पांडाल में बैठा हर भक्त भजनों और गरबों पर धीरकने लगा। माहौल पूरा कृष्णमय हो गया। कृष्ण जन्मोत्सव के लिए पांडाल को फूलों और गुब्बाारों से सजाया गया था।


 *कृष्ण जन्म पर 8 का संयोग* 

भगवान कृष्ण ने विष्णु के 8 अवतार के रूप में 8 वें मनु वैवस्वत के मन्वंतर के 28 वें द्वापर में भाद्रपक्ष के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी पर जब 7 मुहूर्त निकल गए और 8 वां उपस्थित हुआ तभी आधी रात के समय सबसे शुभ लग्न में देवकी के गर्भ से भगवान कृष्ण ने जन्म लिया।


कृष्ण रूप में सजाये गये बच्चें का यजमान परिवार द्वारा पूजन अर्चन किया गया और भगवान के लाड लडाये गये। छोटे से कृष्ण ने सभी का मन मोह लिया। हर कोई उसे गोद में लेकर लाड लडाने लगे।

कृष्ण जन्म उत्सव के बाद महाआरती का आयोजन किया गया। इसके पश्चात महाप्रसादी का वितरण किया। मंगलवार को कथा की पूर्णाहुति होगी और महाप्रसादी का आयोजन किया जाएगा।

 



 

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