*प्रदेश के 12 तहसीलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 15 अगस्त से लागु होने वाली योजना पर ज्ञापन , विरोध और कोर्ट की रोक*
*भारतीय स्वयं सहायता समूह संघ एवं रसायन संघ ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन*
*महिला बाल विकास विभाग की योजना से हो रही अव्यवस्थाएं ओर रोजी रोटी पर संकट तो आंगनवाड़ी से संचालित होने वाली मूल योजनाओं पर भी पड़ेगा असर कार्यकर्ताओ ओर सहायिकाओं पर भी पडेगा अतिरिक्त काम का बोझ*
(मनोज पुरौहित)
पेटलावद। मध्य प्रदेश शासन द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें स्वयं सहायता समूह से कार्य छीनकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को काम दिया जा रहा है, इस आदेश के खिलाफ प्रदेशभर में विरोध की लहर उठ रही है ,मध्य प्रदेश शासन ने 12 तहसीलों का चयन करते हुए आदेश जारी किया था कि अब स्वयं सहायता समूह की जगह आंगनवाड़ी सहायिका खाना बनाएगी , इस आदेश का विरोध पूरे मध्य प्रदेश में हो रहा है।
*कोर्ट ने लगाई रोक*
उल्लेखनीय है कि सरकार के इस आदेश को स्वयं सहायता समूहों ने चुनोति देते हुए याचिका हाईकोर्ट में पेश की थीं , जिसके बाद आज 12 अगस्त को हाईकोर्ट ग्वालियर की बेंच ने इस आदेश पर स्थगन दे दिया है और 28 दिनों में मध्य प्रदेश शासन से जवाब मांगा है ।
,लेकिन अभी तक आदेश को पूर्ण रूप से निरस्त नहीं किया गया है।
*सोपा ज्ञापन*
इस विरोध में आज 12 अगस्त सोमवार को भारतीय स्वयं सहायता समूह एवं रसायन संघ ने पूरे मध्य प्रदेश में एक साथ दोपहर 1:00 बजे जिले के सभी कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि यदि 20 अगस्त तक आदेश निरस्त नहीं किया गया, तो 25 अगस्त तक मुख्यमंत्री निवास भोपाल में घेराव कर आंदोलन किया जाएगा। इस आंदोलन की संपूर्ण जिम्मेदारी मध्य प्रदेश शासन की होगी।
*झाबुआ में भी हुआ रैली निकालकर प्रदर्शन*
झाबुआ में भी कलेक्टर कार्यालय के समीप डॉ. अंबेडकर पार्क में जिले के विभिन्न स्वयं सहायता समूह एकत्रित हुए और रैली के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने तहसीलदार सुनील डावर को ज्ञापन प्रस्तुत किया। ज्ञापन देने के समय झाबुआ, पेटलावद, थांदला, मेघनगर, और राणापुर के स्वयं सहायता समूह उपस्थित थे। इस रैली का संचालन भारतीय स्वयं सहायता समूह रसोयन संघ द्वारा किया गया। ज्ञापन प्रस्तुत करते समय भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश मंत्री सोमजी भूरिया, समूह संघ के जिला अध्यक्ष सुरजी भगोरा, और सैकड़ों महिलाएं व रसोयन संघ के सदस्य उपस्थित थे।
*पायलट प्रोजेक्ट पर लगा ग्रहण*
उल्लेखनीय की इस योजना से जहां स्वयं सहायता समूह में काम करने वाले प्रदेश भर के हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। वहीं शासन के इस आदेश से कम संसाधनों में संचालित की जा रही प्रदेश भर के आंगनबाड़ी केदो में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के कामकाज का बोझ भी बढ़ जाएगा । और कई प्रकार की अव्यवस्थाएं फैलने के साथ ही शासन के आंगनबाड़ी केदो को संचालित की जाने वाली योजनाओं पर भी खासा असर पड़ेगा।
*गेंद मोहन सरकार के पाले में*
जिसके चलते स्वयं सहायता समूह इस योजना का विरोध कर रहे हैं शुरुआती तौर में ग्वालियर हाईकोर्ट से शासन के इस आदेश पर स्थगन होने के बाद 15 अगस्त से लागू होने वाली यह योजना फिलहाल तो खटाई में पड़ गई है अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में अगला क्या कदम उठाती है।