देश की एकता, अखंडता और आस्था पर हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए" – पत्रकार प्रतिनिधिमंडल

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देश की एकता, अखंडता और आस्था पर हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए" – पत्रकार प्रतिनिधिमंडल

 पहलगाम आतंकी हमले पर थांदला के पत्रकारों का फूटा आक्रोश, तहसील कार्यालय में सौंपा ज्ञापन 

"देश की एकता, अखंडता और आस्था पर हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए" – पत्रकार प्रतिनिधिमंडल

दोषियों को फांसी देने और आतंकवाद के खात्मे की उठाई मांग

थांदला (झाबुआ)

कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को थांदला के पत्रकारों ने एकजुट होकर स्थानीय SDM कार्यालय पहुंचकर आक्रोश जताया और घटना के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पत्रकारों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद और आतंकवाद विरोधी नारे लगाते हुए दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की।

पत्रकारों द्वारा नायब तहसीलदार पलकेश परमार को सौंपे गए ज्ञापन का वाचन वरिष्ठ पत्रकार सुधीर शर्मा ने किया। प्रतिनिधिमंडल में कमलेश तलेरा, मनोज उपाध्याय, अक्षय भट्ट, समकित तलेरा, कादर शेख, राजेश डामोर, मनीष वाघेला, पवन नाहर, शाहिदखान, जावेदखान, शाहिद जैनब, श्रीमंत अरोड़ा, विजयमिस्त्री, रियाज मोहम्मद, आत्माराम शर्मा, अल्केश रावत सहित अनेक मीडियाकर्मी मौजूद थे।


ज्ञापन में बताया गया कि कैसे 22 अप्रैल को पहलगाम में देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे निहत्थे पर्यटकों पर आतंकवादियों ने बेरहमी से हमला किया, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई और दर्जनों घायल हो गए। यह घटना न केवल अमानवीय और निंदनीय है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा पर भी एक गहरा सवाल खड़ा करती है।

पत्रकारों ने केंद्र सरकार से मांग की कि इस बर्बर हमले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और इसमें शामिल आतंकियों के ठिकानों को नष्ट कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी अमरनाथ यात्रा को लेकर आमजन में भय का माहौल है, इसलिए उसकी सुरक्षा के लिए विशेष रणनीति तैयार की जाए।

ज्ञापन में इस बात पर जोर दिया गया कि जम्मू-कश्मीर न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि वहां हिन्दू समाज की आस्था से जुड़े वैष्णो देवी और अमरनाथ जैसे तीर्थ स्थल भी हैं, जिन्हें बार-बार आतंकी निशाना बनाते हैं। ऐसी घटनाओं से घाटी की छवि धूमिल होती है और देशभर के श्रद्धालुओं में भय व्याप्त होता है।

पत्रकारों ने यह भी मांग की कि मृतकों के परिजनों को उचित आर्थिक सहायता दी जाए, घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था की जाए और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियां ठोस कदम उठाएं।

ज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा गया कि जब तक आतंकवादियों को उनके अंजाम तक नहीं पहुंचाया जाएगा, तब तक देश में शांति स्थापित नहीं हो सकेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह केवल एक हमला नहीं, बल्कि देश की आत्मा पर आघात है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

ज्ञापन के अंत में पत्रकारों ने आतंकवाद के खिलाफ देशव्यापी सख्ती की मांग करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को भी अन्य राज्यों की तरह पूर्णतः सुरक्षित, स्थिर और भयमुक्त बनाया जाना चाहिए, ताकि आम नागरिक, पर्यटक और श्रद्धालु निर्भय होकर वहां यात्रा कर सकें।

 



 

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