*विक्षिप्त व्यक्ति की कर के सेवा ,मिलवाकर परिजनों से नरसेवा ही नारायण सेवा को किया चरितार्थ*
*विश्वहिंदू परिषद मातृशक्ति,बजरंग दल ओर थाना प्रभारी ,स्टॉफ पेटलावद का सराहनीय ,मानवीय कार्य*
*सेवा और धर्म कर्म में आगे है मेरे नगरवासी*
(मनोज पुरोहित)
पेटलावद। हमारे धर्म गर्न्थो में नरसेवा को नारायण सेवा बताया गया है,जिसका अर्थ है किसी पीड़ित,दुःखी, शोषित, मनुष्य या अबोध बालक ,निसहाय महिला,वर्द्धजन या विक्षिप्त व्यक्ति की मदद या सहायता करना ईश्वर की भक्ति करने के समान है ।
*सेवा और धर्म कर्म में आगे है पेटलावद वासी*
हमारी पेटलावद नगरी में समाजसेवकों ,धर्मनिष्ठ जनों ओर समाजसेवी संस्थाओ कि कोई कमी नही ओर हर नगरवासी किसी भी अछे सद्भाव से किसी गये कार्यो में अपनी सामर्थ्य अनुसार अपना पूर्ण सहयोग भी करता है ,इसलिये पेटलावद को धर्म नगरी भी हमारे द्वारा अपनी लेखनी के द्वारा पुकारा जाता है ।
*मंदबुद्धि विक्षिप्त की करी सेवा सुश्रुषा*
इसी क्रम में नगर वासियों को विदित होगा कि कुछ दिनो से हमारे नगर में एक 35-40 वर्षीय मन्दबुद्धि विक्षिप्त युवक घूम रहा था । जिसकी पीड़ा देखकर नगर की विश्व हिन्दू परिषद मातृ शक्ति जिला संयोजिका श्रीमती संगीता त्रिवेदी ,बजरंग दल के आनन्द प्रजापति, राहुल गुप्ता, कुनाल नागर, देवेश त्रिवेदी, गौतम राठोड़, चिरायु जैन आदि ने उक्त व्यक्ति को उपचार ,सुधार और उचित देखगाल करते हुए उसे स्नान करवाकर ,दाढ़ी कटिंग बनाकर ,भोजन करवाते हुए उसका उपचार करवाया गया ।
*थाना स्टॉफ कि रही सराहनीय भूमिका*
ततपश्चात उसे अपने परिजनों तक भिजवाने का बीड़ा उठाते हुए थानाप्रभारी पेटलावद निर्भयसिंह भुरीया से सहयोग लिया। थाना प्रभारी श्री भुरीया ओर आरक्षक मुकेश सिंगाड समस्त थाना स्टॉफ ने लगातार मेहनत करते हुए विक्षिप्त से बातचित की गई और आसपास के थाना क्षेत्रों में विक्षिप्त के फोटो ओर हुलिया भेजकर जानकारी एकत्रित कि गयी । तलाश करने पर पता चला की विक्षिप्त का नाम मनोहर पिता भीलजी मेडा निवासी साड़ थाना कालीदेवी पाया गया।
*पुत्र को देखकर परिजनो कि आंखे छलक उठी*
उक्त विक्षिप्त व्यक्ति मनोहर को पिछले एक माह पूर्व से उसके परिजन तलाश कर ढूंढ रहे थे । परिजनों और पुलिस थाना कालीदेवी से पहचान प्रमाणित होने पर थाना प्रभारी निर्भयसिंह भुरीया ओर मातृशक्ति कि जिला सयोजिका संगीता त्रिवेदी के सहयोग और नेतृत्व में पुलिस वाहन से मनोहर को उसके घर साड़ छोड़कर ओर परिजनों से मिलवाकर हर्ष पूर्वक लोटे । अपने पुत्र को देखकर परिजनों की आंखे भावविहल होकर छलक उठी।