गीता जीवन के सर्वोच्च लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विश्व की सर्वश्रेष्ठ कृतियों में श्रेष्ठ - विभा जैन
,,, मनोज उपाध्याय
मेट्रो एजुकेशन एकेडमी विद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय गीता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय की शिक्षिका विभा जैन ने विद्यार्थियों को गीता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए। विद्यार्थियों को बताया कि आज हम सब गीता जयंती मना रहे हैं। यह पावन दिन प्रति वर्ष मार्गशीष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाते हैं। यह पावन दिन जब भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को वह दिव्य ज्ञान दिया ,जिसे आज हम श्रीमद् भगवद्गीता के रूप में जानते हैं। गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं बल्कि जीवन प्रबंधन और सकारात्मक सोच विचारों का अद्भुत संदेश देने वाली कृति है।गीता का विद्यार्थी जीवन में भी बहुत महत्वपूर्ण महत्व है। गीता हमे कर्मयोग का संदेश देती हैं, गीता हमे सिखाती है की कर्म करते जाओ फल की चिंता मत करो यह बात विद्यार्थी के लिए अध्ययन ,परीक्षा ,खेल प्रतियोगिता हर जगह लागू होती है। धैर्य और दृढ़ता गीता कहती हैं कि कठिन परिस्थितियों में हमें मजबूत बनाती है। असफलता कोई अंत नहीं बल्कि सीखने का अवसर है।मन की शांति और एकाग्रता योग और ध्यान जैसी बातें गीता ने बार बार आती है। विद्यार्थी अगर प्रति दिन 5 से 10 मिनट ध्यान करे तो उनका मन शांत और एकाग्र होता है।सही निर्णय लेने की कला गीता अर्जुन को सही निर्णय लेने की शक्ति देती है। विद्यार्थियों को भी कठिन परिस्थितियों में संयम और विवेक से निर्णय लेना सिखाती है। गीता के कुछ प्रेरणादायक सूत्र -
“उत्तिष्ठत जाग्रत” — उठो, जागो, लक्ष्य की ओर बढ़ो।
“योग: कर्मसु कौशलम्” — काम को कुशलता से करना ही योग है।
“अभ्यासेन तु कौन्तेय” — अभ्यास ही सफलता का रास्ता है।
“न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते” — ज्ञान से बढ़कर कोई पवित्र चीज नहीं । हमें यह विश्वास दिलाती है कि मनुष्य अपनी मेहनत, निष्ठा और सही विचारों से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
आप सभी के अंदर अद्भुत क्षमता है—बस स्वयं पर विश्वास रखें, निरंतर अभ्यास करें और कभी हार न मानें।
गीता का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना हजारों वर्ष पहले था।
आइए, इस गीता जयंती पर हम संकल्प लें कि—
हम ज्ञान, सत्य, अनुशासन और परिश्रम के मार्ग पर चलेंगे।
कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की शिक्षिका कविता पंदा द्वारा किया गया।इस अवसर पर विद्यालय के संचालक और शिक्षक , शिक्षिका व विद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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