*एडीजे वोरा ने बताया जीवनसाथी का महत्व तो जज भगौरा ने बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ न करने की दी नसीहत*
*लोक अदालत के आए सुखद परिणाम दो दम्पति हुए फिर से एक*
*अधिवक्ताओं ओर कर्मचारियों की मेहनत रंग लाई*
(मनोज पुरोहित)
पेटलावद। मप्र उच्च न्यायालय के निर्दश पर प्रदेश की समस्त न्यायालयों में 10 मई शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। झाबुआ जिला प्रधान न्यायाधीश विधि सक्सेना के निर्देश पर पेटलावद न्यायालय में भी नेशनल लोक अदालत का आयोजन अपर जिला न्यायाधीश ओपी वोरा की अद्यक्षता ,व दोनो सिविल जज वरीष्ट खण्ड श्री सोहनलाल भगौरा, एवम श्रीमती नेहा मौर्य सोलंकी की गरिमामई उपस्थिति में सम्पन्नन हुआ ।
*अभिभाषकों ने करवाये खूब समझौते*
लोक अदालत में अभिभाषक संघ पेटलावद के अध्य्क्ष अविनाश उपाध्याय के नेतृत्व मे समस्त अधिवक्ताओं ओर न्यायालय के समस्त कर्मचारियों ने इस लोक अदालत में सहयोग कर सफल बनाया ।इस अवसर पर समस्त अधिवक्तागण ने खूब सहयोग करते हुए राजीनामे करवाये ।
*लोक अदालत की मंशा हुई पुरी एक हुए दो दम्पति*
शनिवार को आयोजित इस लोक अदालत ने कल दो दम्पतियों को एक कर दोनो के बीच सुलह करवाया और फिर से दोनो को खुशी खुशी साथ रहने के लिये तैयार कर विवाह विच्छेद होने यूं कहें कि घर टूटने से बचाकर लोक अदालत लगाने का मुख्य उद्देश्य को पूरा करने में सफलता अर्जित की ।
*एडीजे श्री वोरा ने समझाते हुए बताया जीवनसाथी का महत्व*
प्रथम मामले में पेटलावद निवासी पंकज का देपालपुर इंदौर निवासी अपनी पत्नी उर्मिला से विवाह के बाद से विवाद चल रहा था ओर मामला एडीजे कोर्ट तक पहुच गया था । इस मामले में अपर जिला न्यायाधीश श्री ओमप्रकाश वोरा ने दोनों पक्षों को बेहतरीन तरीके से समझाइश देकर विवाद के निपटारे के लिये प्रेरित किया। मामले में अधिवक्ता मनीष व्यास,दुर्गेश पाटिदार व राजपाल दोड ने भी सराहनीय तरिके से समझाइस देते हुए दोनो के बीच राजीनामा करवाया दोनो पति पत्नी खुशी खुशी घर लौटे।
*जज श्री भगौरा ने समझाया बच्चों के भविष्य से मत करो खिलवाड़*
वही दूसरे मामले में रूपगड़ वर्तमान निवासी ठिकरिया की रहने वाली अमरिबाई ने अपनी दो नाबालिग सन्तानो के साथ मिलकर अपने पति मानसिह निवासी रूपगड़ पर भरणपोषण का केस दर्ज करवा रखा था ,इस मामले में सिविल जज वरीष्ट खण्ड पेटलावद श्री सोहनलाल भगौरा ने दोनो को काउंसिलिंग करते हुए बेहतरीन तरीके से समझाइस दी श्री भगौरा की समझाइस ओर दोनों पक्षो के अधिवक्ता श्री राजेन्द्र चतुर्वेदी, राहिल रजा मंसूरी बलदेवसिंह राठौर, मोहसिन रजा मंसूरी,देवीसिंह बामनिया , दीपक बैरागी के साथ सीनियर एडवोकेट श्री राजेन्द्र मोनन्त ,चिरायु मोनन्त के द्वारा दोनो पति पत्नी के बीच समझौता करवाते हुए राजीनामा पेश किया। दोनो दम्पतियों को स्मृति स्वरूप फलदार व्रक्ष न्यायाधीशगण ने सोपे । दोनो दम्पति खुशी खुशी एक होकर घर लौटे।
*कर्मचारियों ने दिया महत्वपूर्ण योगदान*
दोनो ही मामलों सहित लोक अदालत को सफल बंनाने में कोर्ट के सहायक लोक अभियोजन अधिकारी पीएल चौहान , रीडर- कर्मचारियों पवन पाटिदार, रमेश बसोड़, संजय शर्मा, प्रकाश भाभर,भरत मुणिया, विजय वसुनिया, रमाकांत सोनी,गेंदालाल देवड़ा,हीरालाल मुणिया, धुलसिह, इंद्रा चौहान, नीलम उइके, रामलाल यादव,अशोक बसोड़,चन्द्रभानसिह, माधव ,दीतीया, भेरू,भरत व पार्वतीबाई ने भी महत्वपूर्ण सहयोग देकर लोक अदालत को सफल बनाया। ।