*बनवासी अंचल में गरीब जनता को बिना रिश्वत दिए नही होता काम, सुशाशन ओर भृष्टाचार मुक्त प्रदेश को मुंह चिढ़ाती ख़भर*
*सीमांकन के नाम पर पटवारी ने मांगी किसान से रिश्वत ,लोकायुक्त ने धर दबोचा*
(मनोज पुरोहीत)
पेटलावद। प्रदेश कि मोहन यादव सरकार के सुशाशन ओर भरस्टाचार मुक्त प्रदेश की घोषणाओं को आदिवासी अंचल में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों ने पूर्ण रूप से धता बताते हुए करप्शन की सारी हदें पार् कर दी है। आमजनता ओर गरीब व्यक्ति का किसी भी सरकारी कार्यालय में बिना लेनदेन कीये कोई काम आगे नही बढ़ता है सारी कवायद लगाने के वाद थक हारकर आम आदमी सम्बंधित कर्मचारी के विरुद्ध या तो कोर्ट की शरण लेता है , या लोकायुक्त में शिकायत करता है ।
ऐसे ही एक मामला आदिवासी अंचल के पेटलावद क्षेत्र के छोटे से ग्राम मोईचारिणी में शनिवारको घटी ,जब सरकारी व्यवस्थाओं से त्रस्त एक पीड़ित ने सीमांकन के नाम पट रुपये मांगने वाले पटवारी को लोकायुक्त में रंगे हाथों पकड़वा दिया।
*ये है पूरा मामला*
इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए झाबुआ जिले के पेटलावद थाना क्षेत्र में पदस्थ पटवारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। हल्का नंबर 13 में पदस्थ पटवारी विशाल गोयल को सीमांकन के नाम पर ₹20,000 की रिश्वत मांगते हुए पकड़ा गया।
*सीमांकन के नाम पर मांगे रुपये*
सूत्रों के अनुसार, पटवारी गोयल ने करणगढ़ गांव निवासी रमेश गरवाल से भूमि सीमांकन कार्य के एवज में रिश्वत की मांग की थी। शिकायत मिलने पर लोकायुक्त टीम ने जाल बिछाया और ₹12,500 की प्रथम किश्त लेते समय पटवारी को रंगे हाथों पकड़ लिया।
*इनकी रही भूमिका*
लोकायुक्त टीम द्वारा आरोपी पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।
इंदौर लोकायुक्त टीम में डीएसपी सुनील तालन , टी दिनेश भोजक हेडसाहब प्रमोद यादव , आरक्षक शैलेंद्र बघेल ,कृष्णा अहिरवार, रामेश्वर निकवाल आदि उपस्थित है।