*103 वर्ष की उम्र में संपत देवी गांधी ने पंडित मरण को साधा*
मनोज पुरोहित
पेटलावद।स्थानकवासी जैन समाज की सबसे वरिष्ठ श्राविका। स्वाध्यायी स्वर्गीय हीरालाल गांधी की माताजी श्रीमती संपत देवी चांदमल जी गांधी ने 103 वर्ष की वय में 6 दिवसीय समाधि मरण को प्राप्त किया। समग्र जैन समाज व परिजनों की विशाल उपस्थिति में उनकी डोल निकाली गई। पोते मुकेश गांधी ने पंपावती तट पर उन्हें मुखाग्नि दी।
23/5/2025 को उनके सम्मान में गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया।जिसमें स्थानकवासी समाज के सोहनलाल चाणोदीया तेरापंथ समाज से राजेश वोरा महावीर समिति के उपाध्यक्ष संजय झालोका
परिवार की बहू वर्षा गांधी पड पोते मोक्ष गांधी बेटी कीर्ति चौधरी पड नातिन सोनम निमजा आदि ने गुणानुवाद किया।जीसका सार यह था कि। संपत देवी गांधी का पूरा जीवन तप त्याग स्वाध्याय शील व्रत वैयावच से परिपूर्ण रहा। उनका समाधि मरण समग्र जैन समाज की व गांधी परिवार की क्षति हे। पर उनके लिए आध्यात्मिक उपलब्धि हे। वे पुरे परिवार व समाज कि मार्गदर्शक व प्रेरणा थी। वक्ताओं ने इसी आशय की भाव संपत देवी के सम्मान में कहे। परिजनों ने उनके सम्मान में स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया विभिन्न संस्थाओं को दान राशि भी समर्पित की गई। संचालन राजेंद्र कटकानी ने किया।