ओल्ड पेंशन स्कीम की मेथड ओर वोट की चोट , कर्मचारीयो का बड़ा मतदान प्रतिशत, अन्य राज्यो का असर*

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ओल्ड पेंशन स्कीम की मेथड ओर वोट की चोट , कर्मचारीयो का बड़ा मतदान प्रतिशत, अन्य राज्यो का असर*

 *ओल्ड पेंशन स्कीम की मेथड ओर  वोट की चोट , कर्मचारीयो का बड़ा मतदान प्रतिशत, अन्य राज्यो का असर*

*जनकल्याण की योजनाओं और किये गए कामो पर भाजपा को विश्वास* ,मास्टर स्टोक तो काग्रेस के घोषणाओं का प्रभाव

मनोज पुरौहित,मनोज उपाध्याय,राजेश डामर,,

झाबुआ,,,, 17 नवबर को मप्र  विधानसभा  के लिये मतदान की घड़ी नज़दीक आ चुकी है । मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने के लिये चुनावी जीत के लिये सभी प्रत्याशी ओर राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है । 

*लोकलुभावन योजनाओं  ओर काम पर  भरोसा*

 प्रदेश में सीएम  शिवराजसिंह चौहान  ओर भाजपा ने लगातार प्रदेश भर में क़ई जनकल्याण कि योजनाओं की घोषणाओं के अलावा उनका पालन भी करवाया । लाडली बहना, उज्ज्वला योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, आवास योजना ,  जैसी बड़ी ओर महत्वाकांक्षी योजनाएं सीएम शिवराजसिंह चौहान और भाजपा का मास्टर स्ट्रोक मानी  जा रही है ।जिनके सहारे फिर से सत्ता मे आने के कयास भी भाजपा और उनके कार्यकर्ता लगा रहे है । ये सारी योजनाएं अति गरीब,  गरीब, पिछड़े ओर आरक्षित मतदाताओं, महिलाओं छात्राओं  के कल्याण के लिये मानी जा रही है ।




*कर्मचारियों कर रहे वोटिंग*

चुनावी ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों  को अनिवार्य रूप से मतदान करने के चुनाव आयोग के निर्देश के परिपालन के अलावा नियम अनुसार चुनाव आयोग ने सरकारी कर्मचारियों को मतदान के लिए डाक पत्र जारी किए हैं और पूरे प्रदेश में दिनांक 7 नवंबर से कर्मचारियों की वोटिंग जारी है जो आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी और इस बार कर्मचारी मतदान में बढ़-चढ़ हिस्सा ले रहे है।

*बहुत कुछ दिया पर यहां रह गयी कमी*


लेकिन इस बार सरकार  को कर्मचारियों से अपेक्षा के अनुसार वोट मिलना संशय के घेरे में है । प्रदेश में सीएम ने कर्मचारियों के कल्याण के लिये क़ई वादे किए और कर्मचारियों की बहुत सी मांगो को स्वीकार भी किया है किंतु कर्मचारियों में इस बार ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) पुरानी पेंशन बहाली का मेथड खूब चला है

*क्यो है जरूरी है ओपीएस*



दरअसल वर्तमान में प्रदेष के कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने पर पेंशन नही मिलती है,  नियमानुसार  उन्हें आजीवन संचित राशि के बराबरी की राशि मिलाकर सरकार एकमुश्त  राशि  भुगतान   करती है जिसमें से भी  एक निश्चित राशि बैंक अदा करती है और शेष राशि  बैंक में   फिक्स होकर  उसका प्रतिमाह ब्याज़ रिटायर्ड कर्मचारी को मिलता है जो अनुमानित रूप से 7 हजार से अधिक नहीं है, वही पूराने पेंशन योजना में क़ई फंड ,बीमा ,ग्रेच्युटी , सहित बड़ी राशि प्रतिमाह पेन्शन के रूप में मिलती हैं। और अपने जीवन की सुरक्षा और खुशहाल रिटायरमेंट के लिये प्रदेष के लाखों कर्मचारी प्रदेश सरकार से ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग करते चले  आ रहे है।

*अन्य राज्यो का  पड़ा असर*

दरअसल राजस्थान, छतीसगढ़ में कांग्रेस सरकारों ने कर्मचारियों को पूरानी पेंशन देने की अपनी घोषणाओं  को चुनाव पूर्व लागू कर दिया है और उन राज्यो के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन मिलने और मप्र के कर्मचारियों का इस मांग से वंचित होना काफी प्रभावकारी  दिखाई दे रहा है, पूर्व सीएम कमलनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर कर्मचारियों को पुरानी पेंशन  बहाली की घोषणा कारगर साबित होती दिखाई दे रही है । 

*बड़ा है मतदान प्रतिशत,परिणाम 03 दिसम्बर को*

वेसे भी सूत्रों की माने तो कर्मचारियो का मतदान प्रतिशत बड़ा है जो ये संकेत दे रहा है कि कर्मचारियों ने ओपीएस के मुद्दे पर वोट की चोट की है । खेर मतदान  का सही परिणाम ओर वास्तविकता तो 03 दिसम्बर को पता चलेगी , लेकिन कर्मचारियों के बीच  ओपीएस फेक्टर ओर मुद्दा जबरदस्त  हिट चल रहा है।


 



 

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