*राष्ट्रहित सर्वोपरी , मोदी ही विकल्प, सुरक्षा और अन्य मुद्दों पर भाजपा का प्रचार*
*08 आरक्षित विधानसभा सीटो पर फोकस, मालवा से निकलेगा भोपाल का रास्ता ?*
*प्रचार के लिए महीने में दूसरी बार आ रहे है पीएम मोदी*
,,मनोज पुरौहित ,मनोज उपाध्याय,राजेश डामर,,,
पेटलावद। 17 नवम्बर को होने वाले चुनावों में सभी प्रत्याशीयो ओर दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है । मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने के लिये तरह तरह से प्रचार प्रसार किया जा रहा है ।
*आरक्षित 08 विधानसभा सीटों पर फोकस*
यदि बात करे तो रतलाम झाबुआ लोकसभा के तहत 08 विधानसभा झाबुआ ,पेटलावद, थांदला, जोबट ,अलीराजपुर ,रतलाम ,रतलाम ग्रामीण ,आलोट ओर सैलाना आती है।उक्त सभी अजजा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों सहित प्रदेश की अन्य आरक्षित सीटो पर कांग्रेस और भाजपा का पूरा फोकस है ।
*आरहे है पीएम मोदी*
इन 08 सीटों चुनाव प्रचार के उद्देश्य ओर भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भाजपा ने अपने सबसे बड़े स्टार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी चुनावी सभा की तैयारी की है।
*प्रदेश में 04 बड़े आयोजन में शामिल होंगे मोदी*
प्रचार प्रसार के अंतिम 48 घण्टो में 14 नवम्बर बुधवार को पीएम मोदी की पूरे प्रदेश बैतूल ,शाजापुर, इंदौर ओर झाबुआ में ताबड़तोड़ 04 जनसभाये व रोड शो है । पीएम मोदी झाबुआ 14 नवम्बर को दोपहर में में एक विशाल आमसभा को सम्बोधित करते हुए भाजपा ओर सभी प्रत्याशियोके लिये प्रचार प्रसार करेंगे ।
*महीने में दूसरी बार आ रहे पीएम मोदी*
मोदी की इस सभा को लोकसभा की इन 8 विधानसभा सीटों के लिये भाजपा अति महत्वपूर्ण माना जा रहा है । आकड़ो पर नजर डाले तो रतलाम झाबुआ लोकसभा के हिसाब से नवम्बर माह में ही पीएम मोदी की ये दूसरी जनसभा है , गत 4 नवम्बर को पीएम मोदी रतलाम में विशाल सभा को सम्बोधित कर चुके है , तब भाजपा का फोकस मन्दसौर, जावरा, नीमच ओर उज्जैन की सीटों पर भी था ।
*राष्ट्रहित बना बड़ा मुद्दा मोदी पर ही निर्भरता*
उल्लेखनीय है कि मोदी ही वह चेहरा है जो फिलहाल प्रदेश में भाजपा को संकट से उभार सकता है । सीएम शिवराजसिंह की तमाम लोकलुभावन योजनाओं और खूब फ्रि रेवड़ियां, बाटने के बावजूद भी भाजपा को राष्ट्रहित, राममंदिर, देश सुरक्षा, विदेशों में देश का सम्मान ओर हिन्दू राष्ट्र और पीएम मोदी के नाम पर मतदाताओं को मतदान के लिये प्रेरित करना पड़ रहा है, जिसकी गवाही सोसल मीडिया की पोस्टो से भी हो रही है । खेर मतदाताओ को कांग्रेस अभी भी इन मुद्दों के सामने कोई बड़ा विकल्प या चेहरा नही दे सकी है । अब गेंद समझदार मतदाताओं के पाले में है । कुल मिलाकर अंचल कि आरक्षित सीटों ओर मालवा की सीटों से ही भोपाल का रास्ता तय करने के प्रयासों में कोई कसर भाजपा छोड़ना नहीं चाहती ।