मातृ शक्ति की आस्था का अद्भुत दृश्य : थांदला में सैकड़ों महिलाओं ने निकाली कावड़ यात्रा
गुफेश्वर महादेव मंदिर तक 5 किमी पैदल चलकर किया जलाभिषेक, नगर में भक्ति और श्रद्धा का माहौल
मनोज उपाध्याय
थांदला. सावन माह की भक्ति और श्रद्धा से ओतप्रोत वातावरण में थांदला नगर में पहली बार मातृ शक्ति द्वारा एक भव्य कावड़ यात्रा निकाली गई। यह यात्रा रविवार तड़के सुबह 1 बजे बावड़ी मंदिर से आरंभ हुई, जिसमें नगर की सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया और बाबा भोलेनाथ के जयकारों से वातावरण को शिवमय बना दिया। यात्रा का समापन करीब 5 किलोमीटर दूर गुफेश्वर महादेव मंदिर, ग्राम देवीगढ़ में जलाभिषेक के साथ हुआ।
अष्ट हनुमान मंदिर से प्रारंभ, गुफेश्वर तक आस्था का सफर
इस कावड़ यात्रा की शुरुआत नगर के प्रसिद्ध अष्ट हनुमान मंदिर से की गई। महिलाएं पारंपरिक परिधान में, हाथों में कावड़, ध्वज और श्रद्धा के भाव लेकर नगर भ्रमण पर निकलीं। यात्रा का मार्ग नगर की प्रमुख गलियों से होते हुए देवीगढ़ गांव की ओर बढ़ा। इस दौरान “हर हर महादेव” और “बम बम भोले” के नारों से पूरा नगर गूंज उठा।
नगरवासियों ने किया जगह-जगह स्वागत
यात्रा के मार्ग में कई स्थानों पर स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने कावड़ यात्रियों का भव्य स्वागत किया। महिलाएं पूरे अनुशासन और श्रद्धा के साथ भक्ति गीत गाती रहीं और शिवभक्ति में लीन होकर आगे बढ़ती रहीं। इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में स्थानीय प्रशासन का विशेष सहयोग रहा। सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत पुलिस बल तैनात किया गया, जिससे यात्रा मार्ग में कोई अवरोध न हो।
गुफेश्वर महादेव में जलाभिषेक व सामूहिक प्रार्थना
पंडित द्वारका प्रसाद शर्मा ने बताया कि प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी मातृ शक्ति द्वारा लगभग पांच किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा के बाद कावड़ यात्रा गुफेश्वर महादेव मंदिर पहुंची। वहां पर महिलाओं ने शिवलिंग का जलाभिषेक किया और पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। मंत्रोच्चार, शिव चालीसा और भजन-कीर्तन से मंदिर परिसर आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। महिलाओं ने देश, समाज और परिवार की सुख-शांति के लिए सामूहिक प्रार्थना की।
कांवड़ यात्रा : भक्ति, तपस्या और नारी शक्ति का प्रतीक
श्रावण मास में कांवड़ यात्रा को विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है। यह केवल जल लाने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि भक्तों की भक्ति, तपस्या, संयम और निष्ठा का प्रतीक होती है। विशेष रूप से इस यात्रा में जब महिलाएं शामिल होती हैं, तो यह नारी शक्ति की आस्था और संकल्प का जीवंत प्रमाण बन जाती है। थांदला की इस कावड़ यात्रा ने समाज में एक नई सोच और सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया।
आयोजन में समिति व समाज का सक्रिय योगदान
उक्त आयोजन में अष्ट हनुमान मंदिर समिति, स्थानीय महिला मंडलों और सामाजिक संगठनों का भरपूर सहयोग रहा। यात्रा की पूरी व्यवस्थाएं सटीक रहीं। सुरक्षा, स्वास्थ्य, जल आपूर्ति, विश्राम स्थल आदि की समुचित व्यवस्था से महिलाएं बिना किसी बाधा के अपनी यात्रा पूर्ण कर सकीं। नगर परिषद व प्रशासन द्वारा भी सहयोग किया गया।
देवीगढ़ हनुमान मंदिर पर सभी भक्तों ने भोजन प्रसादी का लाभ लिया।
नारी सशक्तिकरण और आध्यात्मिकता का संगमइस कावड़ यात्रा ने यह स्पष्ट कर दिया कि आज की महिलाएं धार्मिक आयोजनों में न केवल भाग ले रही हैं, बल्कि उन्हें सफलतापूर्वक आयोजित भी कर रही हैं। यह आयोजन नारी सशक्तिकरण, सामाजिक सहभागिता और आध्यात्मिक जागरूकता का अद्भुत संगम बन गया।