सास बर्फ की तरह शांत और बहु की वाणी शक़्कर के समान मीठी बने :साध्वीश्री पंकजश्रीजी*

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सास बर्फ की तरह शांत और बहु की वाणी शक़्कर के समान मीठी बने :साध्वीश्री पंकजश्रीजी*

 ~*सास बर्फ की तरह शांत और बहु की वाणी शक़्कर के समान मीठी बने :साध्वीश्री पंकजश्रीजी*

*सास बहू कार्यशाला का हुआ आयोजन*

(मनोज पुरोहित)

पेटलावद। सास बहू परस्पर खींचतान की दीवारों का हटाकर एक दूसरे के साथ मधुर व्यवहार एक करना सीखें।

अगर  सास  बर्फ की तरह शांत दिमाग वाली और बहू की वाणी शक़्कर की तरह मीठी बन जाए  तो घर का वातावरण  सुखमय हो सकता है। 

परिवार के सुखद वातावरण में वाणी एक आधारभूत तत्व है। परस्पर मतभेद होने पर मतभेद मिटाने के लिए प्रयत्न करते रहना चाहिए।

 उक्त आशय के उद्गार श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वे अनुशास्ता  युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वीश्री  पंकजश्रीजी ने तेरापंथ महिला मंडल द्वारा आयोजित सास- बहू कार्यशाला के दौरान तेरापंथ भवन में व्यक्त किए।


आपने आगे कहा कि गलती होना मनुष्य का स्वभाव है, गलती होने पर सास बहू को ताना ना देते  हुए उसे प्यार से समझाने का प्रयास करें।

जीवन में कई प्रकार की समस्याएं हो सकती है, चिंता ना करते हुए समस्याओं के समाधान के लिए प्रयत्न करना चाहिए।

बहु का कर्तव्य होता है की सास -ससुर को माता-पिता के समान मानने का प्रयास करे।

तेरापंथ महिला मंडल, पेटलावद ने जागरूकता का परिचय देते हुए इस कार्यशाला का आयोजन किया है।

संयोजकीय वक़्तत्य के दौरान साध्वीश्री शारदाप्रभाजी ने कहा कि सास -बहू की आए दिन कि तू-तू, मैं-मैं से परिवार बिखर जाता है।

 हम इस जीवन में जन्म से कोई भी  भौतिक संपदा न तो लेकर आए हैं, और न ही कुछ लेकर जाएंगे।


 हर व्यक्ति सामान्यतः अपने जीवन में पूरा समय धन या भौतिक संपत्ति इकट्ठा करने का प्रयत्न कर रहा है, साथ-साथ में धर्म कमाई अर्जित करने का प्रयास भी करते रहना चाहिए। जिस देश और समाज की  महिलाएं जागृत होती है,वह समाज और देश जागृत समाज कहलाता है। 

साध्वीश्री शालीनप्रभाजी ने कहा कि  कठिनाई में  हमेशा एक -दूसरे के सहयोग के लिए तैयार रहना चाहिए।

जीवन में सरल और अनाग्रही बनने का प्रयास करें और करुणा की भावना रखें। अनुशासन करने वाले को वीणा के तार की तरह किसी भी बात को ना ज्यादा ढीला छोड़ना चाहिए ना ज्यादा खींचना चाहिए।

परिवार मे सबके विकास का दृष्टिकोण रखते हुए सहिष्णुता के विकास का प्रयास करें।सहिष्णुतापूर्ण व्यवहार से ही रिश्ते अच्छे बनते हैं।

 आज के कार्यक्रम का प्रारंभ श्रद्धेय साध्वीश्री के नमस्कार महामंत्र उच्चारण से हुआ।

  महिलामंडल की बहिनो ने मंगलाचरण के रूप मे गीत को प्रस्तुति दी।   सासुओ- बहूओ ने मिलकर गीत को प्रस्तुति दी।

 मीनाजी मेहता,तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष हेमलता जैन मैं अपने भावों को अभिव्यक्ति दी। महिला मंडल की बहिनो ने रोचक व प्रेरक नाटिका को प्रस्तुति दी।आज के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सासुओ- बहुओ ने भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया। आज के कार्यक्रम में तेरापंथीं सभा,तेरापंथ युवक परिषद,कन्यामंडल के सदस्यों ने भी अच्छी संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।

 



 

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