*सर्पदंश से सुरक्षा के उपाय के लिए एडवाइजरी जारी*
राजेश डामर मनोज उपाध्याय
झाबुआ, सर्पदंश पर सही तरीके से प्रतिक्रिया करना जीवन रक्षक हो सकता है। सर्पदंश पर क्या करें और क्या न करें।
*निरोधी उपाय(Preventive Measures):-*
उपयोग करने से पहले स्लीपिंग बैग, जूते और कपड़ों को खोलकर हिलाएं, ताकि उनमें छिपे सांप बाहर निकल जाएं। (और अन्य जानवर और कीड़े), किसी पेड़ के नीचे बैठने से पहले जमीन की जांच कर लें, झाड़ियों या गहरी रेत में चलते समय जूते, मोजे और लंबी पतलून पहनें, रात में टहलते समय, जलावन की लकड़ियाँ इकट्ठा करते समय या शौच करते समय विशेष रूप से भारी बारिश के बाद टॉर्च का प्रयोग करें, ध्यान रखें कि झरनों, नदियों और झीलों के किनारे सांपों का आम निवास स्थान होते हैं, सांपों को परेशान न करें, उनके पास न जाएं, उन पर हमला न करें या उन्हें छूने की कोशिश न करें, भले ही उन्हें हानिरहित प्रजाति कहा जाता हो या वे मरे हुए दिखाई देते हों, जो लोग जमीन पर सोते हैं वो नॉर्मल मच्छरदानी का यूज करें यथा संभव पलंग/तखत पर ही सोऐ/चारपाई, बाहर पहाड़ीबगान वाले इलाके में जाते हैं तो लॉन्ग बूट पहनें, ऐसी जगह पर जहां सांपों का रिस्क रहता है तो वहां पर छड़ी से जमीन पर आवाज करते हुए चलें, पत्थरों के नीचे, गड्डे के अंदर जिन जगहों पर सांपों के छुपे होने की आशंका रहती है उन जगहों से छेड़छाड़ न करें, अपने घर के आसपास की घास समय-समय पर कटवाते रहें, घर या फिर दुकान में किसी तरह का कबाड़ इकट्ठा न होने दें, घर या दुकान या गैरेज में छोटे-छोटे गड्ढे और दरार हैं तो उसे बंद करें, घर के आस-पास कूड़ा इकठ्ठा नहीं होने दें, सांप को अकेला छोड़ दें, कई बार सांप के ज्यादा नजदीक आने के कारण लोग सर्पदंश का शिकार बन जाते हैं, अपने हांथ व पैर को उन स्थानों से यथा सम्भव दूर रखें जहाँ पर आपकी दृष्टि न पड़ती हो, जब तक आप सांप की आक्रमण परिधि से सुरक्षित दूरी पर न हो, पत्थर व लकड़ी से मारने का प्रयास न करें, यदि मजबूत चमड़े के जूते ना पहने हो तो ऊंची घास वाले स्थानों से दूर रहें, जहां तक संभव हो स्वयं को पगडंडियों तक सीमित रखें, पानी का मटका भूमि से ऊपर स्टैन्ड पर ही रखें।
*सर्प दंश के लक्षण:-*
सांप के डसने या काटने से अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे-
*स्थानीय लक्षण (Local Symptom):-*
काटने वाली जगह पर दर्दसूजन, काटने के स्थान पर छिद्र या दांत के निशान, लालिमा या नीला पड़ना, उल्टीजी मिचलाना, अकड़न कंपकपी, एलर्जी, स्किन कलर में चेंज, पेट दर्ददस्त, बुखार सिरदर्द, काटने वाली जगह काली पड़ने लगी हो, कमजोरी, प्यास लगना, लो बीपी, घाव से खून बहना, अंगों के आसपास के हिस्से का सुन्न पड़ना, यदि सांप जहरीला है तो पीड़ित को आँखें खोलने तथा बोलने में कठिनाई होगी तथा पेशाव में, खून बहने, सांसें रुकने लगेंगी खून तथा अंगो के काले पड़ने की भी संभावना है।
*सर्प दंश के बाद क्या करें:-*
*शांत रहें और घबराएं नहीं, पीड़ित को आराम दें*
शांत रहें और जितना संभव हो उतना कम हिले, घवराने से हृदय की गति बढ़ जाती है, जिससे विष का फैलाव तेजी से हो सकता है।
*सर्पदंश स्थल को स्थिर रखें:-*
सर्पदंश स्थल को हृदय के नीचे रखें और उसे स्थिर रखें, जिस अंग पर काटा गया है, उसे हिलाने से बचें।
*जल्दी से अस्पताल पहुंचे:-*
जल्द से जल्द निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल पहुंचें, समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
*सर्पदंश स्थल को साफ और खुला रखें:-*
घाव को साफ और खुला रखें ताकि हवा लग सके, ढीली पट्टी बांध सकते हैं, लेकिन रक्तप्रवाह को बंद न करें।
*सांप की पहचान करने की कोशिश करें:-*
यदि संभव हो, तो सांप की पहचान करने की कोशिश करें, सांप को पकड़ने या मारने की कोशिश न करें, बस उसके रंग, आकार और अन्य विशेषताओं को याद रखें।
*क्या न करें:- घाव को काटें या चूसें नहीं:-*
सर्पदंश स्थल को काटने या चूसने की कोशिश न करें। यह विष को हटाने में मदद नहीं करता और संक्रमण का जोखिम बढ़ा सकता है।
*आइस पैक न लगाएं:-*
सर्पदंश स्थल पर आइस पैक न लगाएं। यह विष के फैलाव को नहीं रोकता और ऊतक क्षति का कारण बन सकता है, साबुन और पानी से साफ न करें।
*अल्कोहल या कैफीन का सेवन न करें:-*
अल्कोहल या कैफीन का सेवन न करें। क्योंकि यह विष के प्रभाव को बढ़ा सकता है।
*घाव को धोने की कोशिश न करें:-*
घाव को साबुन या अन्य रसायनों से धोने की कोशिश न करें। यह विष के फैलाव को बढ़ा सकता है, स्वयं से किसी भी प्रकार की दवाई मरीज को न दें, पीड़ित व्यक्ति के सर्पदंश वाले भाग पर किसी भी प्रकार का मलहम न लगायें, सपेरे अथवा तांत्रिक के चक्कर में न पड़े, नजदीकी अस्पताल तक जल्दी से पहुंचे।
*अतिरिक्त सावधानियाँ:-*
*पहले से तैयार रहें:-* यदि आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं या काम करते हैं जहां सर्पदंश का खतरा अधिक है, तो प्राथमिक चिकित्सा किट में सर्पदंश के लिए आवश्यक सामग्री रखें।
*सांप से बचाव:-* सांप के रहने वाले स्थानों से दूर रहें और सावधानी बरतें।
*जागरूकता और शिक्षा:-* अपने परिवार और समुदाय को सर्पदंश के खतरे और प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जागरूक करें, सांपों के पहचान के बारे में लोगों को जागरूक करें।
क्रमांक 19/748