राजेश डामर
झाबुआ/पेटलावद/झकनावदा - जैन संत आचार्य पुंडरिक रत्न सुरीश्वर (70 वर्ष) MITS कॉलेज से विहार करते हुए गुजर थे। और उन्हें विराट धाम जाना था। रास्ते में जाडन टोल नाके के पास यह हादसा हुआ। दुर्घटना के बाद ट्रक चालक वाहन सहित फरार हो गया। यह दुखद घटना
पाली जिले के शिवपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत जाडन गांव में बुधवार सुबह करीब साढ़े छह बजे एक सड़क दुर्घटना में जैन संत आचार्य पुंडरिक रत्न सुरीश्वर महाराज का कालधर्म हो गई। वे विहार करते हुए अन्य संतों और अनुयायियों के साथ विराट धाम की ओर जा रहे थे, तभी एक तेज गति मिनी ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे में संत को सिर में गंभीर चोट आई, जिसके बाद उन्हें तुरंत पाली के बांगड़ अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, चिकित्सकों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। जाडन चौकी प्रभारी रामनिवास के अनुसार, संत आचार्य पुंडरिक रत्न सुरीश्वर MITS कॉलेज से विहार करते हुए निकले थे और उन्हें विराट धाम जाना था। रास्ते में जाडन टोल नाके के पास यह हादसा हुआ। दुर्घटना के बाद ट्रक चालक वाहन सहित फरार हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही संत के अनुयायियों और अन्य संतों ने उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी व वहीं संत ने अंतिम सांस ली।
दुर्घटना की सूचना मिलते ही पूर्व विधायक ज्ञानचंद पारख, पूर्व सभापति महेंद्र बोहरा सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग बांगड़ अस्पताल पहुंचे। बाद में संत की पार्थिव देह को समुंद्र विहार ले जाया गया। जैन संत के देवलोक गमन की सूचना मिलने पर संपूर्ण जैन समाज में गहरा दुख व्यक्त किया।
जैन धर्म की अमूल्य धरोहर को मिले सरकार से विशेष सुरक्षा
श्री अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद के प्रांतीय सह मिडिया प्रभारी मनीष- शैतानमल कुमट झकनावदा ने दिल्ली केंद्र सरकार से मांग की है कि देश के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र जी मोदी एक और धर्म के हर क्षेत्र में आगे आकर बढ़ चढ कर हिस्सा ले रही है। इस हेतु कुमट ने अपनी बात रखते हुए कहा कि संत जैन समाज की अमूल्य धरोहर है। और उन्हें देश भर में कई राज्यों में अप्रिय घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है कही उनके साथ मारपीट की घटना तो कही उनके साथ दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इस हेतु समाज द्वारा विहार ग्रुप बनाकर साधु संतों को सुनिश्चित स्थान तक विहार व्यावच्च व्यवस्था तो देख रहे है लेकिन सरकार को भी इस ओर हजारों लाखों किलोमीटर का पैदल विहार करने वाले संतों के लिए सड़क पर होने वाली अप्रिय घटनाओं एवं दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई विशेष सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए जिससे संत समाज सुरक्षित हो सके। 8 लेन, 6 लेन, 4 लेन पर संतों के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्थाएं अनिवार्य है। इस हेतु केंद्र सरकार से अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद भावभरा निवेदन करता है कि आप इस ओर ध्यान केंद्रित कर संतों को विशेष सुरक्षा व्यवस्थाएं दिलवाने की कृपा करें।