*शक्तिपीठ गायत्री मन्दिर पर विश्व शांति हेतु सम्पन्न हुआ पंचकुंडीय महायज्ञ, कन्याभोजन ओर शस्त्र पूजन*
*भैरव मंदिर बामनिया रोड पर भी साधकों ने किया गायत्री मंत्र का अनुष्ठान*
(मनोज पुरौहित)
पेटलावद। माता की आराधना का महापर्व नवरात्रि पूरे हर्षोल्लास के साथ पूरे देश में 03 से 12 अक्टूम्बर तक ओर शनिवार 12 को अक्टूम्बर को दशहरा का पर्व मनाया जाने की परंपरा और रिवाज तथा हिंन्दू संस्कार के अनुशार मनाया गया।
*कन्याओं में माताजी का रूप होता है*
इस महापर्व आयोजन के विभिन्न भागों में एक कन्याभोजन ओर कन्यापूजन का भी माना जाता है।अनादि काल से यह मान्यता है कि यंत्र नारी पूज्यंते तत् देवता रमह्यन्ते। इसी आधार पर नवरात्रि की एकम से लेकर पूर्णिमा तक घर घर पर कन्यारूपी माता को सादर आमंत्रित कर ,पाट पर बैठाकर पैर धोकर पूजन कर तिलक लगा आरती कर कन्याभोजन का आयोजन किया जाता है। और कन्याओ के पेर छूकर आशीर्वाद लिया जाता है।
*शक्तिपीठ पर हुआ पंचकुंडीय यज्ञ, कन्याभोज ओर शस्त्र पूजन*
इसी क्रम में नगर के रायपुरिया रोड पर स्थित शक्तिपीठ गायत्री मन्दिर पर नवरात्रि में विश्व शांति हेतु बड़ी संख्या में साधकों ओर गायत्री परिवार परिजनों के द्वारा साधना करते हुऐ सामूहिक पंचकुंडीय यज्ञ में आहुतियां देते हुए हवन किया गया । शनिवार को हवन की पूर्णाहुति करते हुए कन्याभोज का आयोजन किया गया । वही शनिवार को ही दशहरे का पर्व होने से शक्तिपीठ के समस्त ट्रस्टियों ओर भक्तो की उपस्थिति में कन्याओं के द्वारा शक्ति प्रतीक शस्त्र पूजन भी किया गया ।
*बामनिया रोड पर भैरवजी मन्दिर पर हुआ गायत्री महायज्ञ ओर अनुष्ठान*
इसके अतिरिक्त नगर बामनिया रोड पर भैरवजी मन्दिर पर भी समस्त कालोनीवासियों ओर भक्तो व साधकों के द्वारा भी नवरात्रि में विश्व शांति हेतु सामूहिक रूप से गायत्री मंत्र की साधना कर सामुहिक रूप से महायज्ञ ओर पुर्णाहुति करते हुए प्रसादी वितरण की गई ।