*उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन का आयोजन*
*अपने आप को स्वालंबन बनाना है = डा.नागर*
मेघनगर,,,, स्वदेशी जागरण मंच मालवा प्रांत द्वारा स्वालंबी भारत अभियान के तहत उद्यमीता पखवाड़ा अंतर्गत प्रांत संयोजक श्री हरिओम वर्मा ,प्रांत संपर्क प्रमुख श्री डॉक्टर सुरेश चोपड़ा, एवं विभाग संयोजक दिलीप जोशी के मार्गदर्शन में संपूर्ण मालवा प्रांत में कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं इसी कड़ी में शासकीय महाविद्यालय मेघनगर में कार्यशाला सह उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें दो युवा उद्यमी का सम्मान भी किया गया।
सर्वप्रथम मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए जन भागिदारी समिति अध्यक्ष डॉ विवेक नागर द्वारा स्वावलंबी भारत अभियान के तहत युवाओं को स्वालंबन कैसे बना है केसे अपने यहां की चीजे
आज विदेश में अपने यहां के बबुल के दातुन, नीम के दातुन बिक रहे हैं। अपने आप को स्वालभी बनना हैं
स्वदेशी जागरण मंच के जिला सह संयोजक मनोज उपाध्याय द्वारा स्वदेशी जागरण मंच के पृष्ठभूमि बताकर सभी युवाओं से स्वदेशी वस्तुएं अपनाने का आग्रह किया गया।
गौ रक्षा वाहिनी के प्रदेश महामंत्री व अटल सामाजिक संस्था के अध्यक्ष राजू धानक द्वारा सनातन धर्म में पूजनीय गौ माता गाय की महत्ता का विस्तृत वर्णन किया गया।
कार्यक्रम में क्षेत्र के युवा उद्यमी कमलेश राठौर एवं किशन मावी का प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया गया।
प्राचार्य श्रीमती मोलश्री कानूडे ने उद्बोधन देते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ स्वालंबी भी बनना होगा। पढ़ाई पर विशेष ध्यान देना है स्वयं के रोजगार अपनाना है
स्वदेशी जागरण मंच के बारे में जानकारी देते हुए मनोज उपाध्याय ने बताया कि स्वदेशी चीजों को अपनाना है और स्वालंबन भारत की ओर कैसे बढ़ता है खुद का व्यवसाय कैसे बढ़ता है इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी साथ ही दो युवा उद्यमी कमलेश राठौर जो दिव्यांग होने बावजूद अपने पैर पर खड़े होकर आज स्वालंबन बने हैं जिनके स्वयं का पत्तल दोनो का व्यवसाय पॉलिथीन को मुक्त करना एवं एलईडी बल्ब जो फेंक देते हैं उनको रिपेयरिंग कर पुनः उनको चलाना इस प्रकार के कई कार्य कर रहे हैं एवं कई को रोजगार भी दे रहे हैं। अन्य युवा उद्यमी किशन मावी द्वारा भी कई प्रकार के वर्ग लगाना बच्चों को प्रेरित कर कैसे बना तीर - कमान एवं गुड़िया बनाने के कि कला से व्यवसाय एवं सह प्रशिक्षित कर रहे हैं। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रोफेसर सचिन सोनी द्वारा किया गया