*सुशासन की स्थापना के लिये है जनसुनवाई,181 ओर सीएम हेल्पलाइन, शातिर लोग कर रहे व्यवस्था का दुरूपयोग*
*भूमाफिया ओर भृष्ट की आंखों की किरकिरी बने तहसीलदार निगवाल, अल्प समय मे कर चुके क़ई अवेध निर्माण को ध्वस्त ओर गोचर व सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त*
(मनोज पुरौहित)
पेटलावद।मप्र में सुशाशन की स्थापना ओर आम जनता के कामों ओर समस्याओं को त्वरित रूप से निपटाने के लिये प्रदेश की भाजपा सरकार में पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान के समय से आमजन के लिए प्रत्येक मंगलवार , गुरुवार को जिला एवम अन्य अनुभाग स्तर पर जनसुनवाई ,181, सी एम हेल्पलाइन जैसी व्यवस्थाएं बना रखी है । लेकिन इन व्यवस्था का सदुपयोग से ज्यादा दुरुपयोग शातिर लोग कर रहे है और जिनके कारण आमजन ओर वास्तविक पीडित इस व्यव्स्था से लाभ नही उठा पाते है , ।
*शातिर लोग कर रहे सुविधा का दुरुपयोग*
वही फर्जी या निराधार अथवा नियमों से बाहर की मांग ऱखकर शातिर लोग शिकायती पोर्टलों पर शिकायत करते है और जब इन शिकायतों का निपटारा नही हो पाता है तो सम्बंधित अधिकारी को टारगेट किया जाता है । यहां तक कि पेटलावद क्षेत्र में तो कुछ समय पूर्व फर्जी शिकायकर्ता के विरुद्ध पुलिस थाने में भी अपराध पंजीबद्ध होने की स्थिति निर्मित
हो गयी थी ।
*नियमो से बंधे अधिकारी, मंशा पुरी नही होने पर बनते शिकायतकर्ता का टारगेट*
दरअसल हमारे देश मे सरकारी कामकाज के नियम ओर उन कार्यो को करने के लिये ,न्यायपालिका ओर कार्यपालिका की व्यवस्था भी की गई है । जनसुनवाई ओर शिकायत पॉर्टल पर उन्ही समस्याओं का निराकरण हो सकता है जो कार्यपालिका अर्थात सरकारी विभागों से सम्बंधीत हो । जो मामले कोर्ट और न्यायालयों से सम्बंधित हो उन मामलों में कोई भी सरकारी अधिकारी चाहे फिर वह सचिव, पटवारी ,तहसीलदार या कलेक्टर ही क्यों न हो कोई कार्यवाही नहीं कर सकता है । ऐसी स्थिति में जब मामला कोर्ट से सम्बंधित होता है तो अधिकारी ऐसी शिकायत का समाधान करने मे असमर्थ हो जाते है । ओर जव शिकायतकर्ता कि मंशा पुरी नहि होति है तो वह सम्बंधित अधिकारी को निपटाने ओर अनर्गल आरोप प्रत्यारोप करने लगता है । ऐसा ही एक मामला हमारे क्षेत्र में की सोशल मीडिया पर पिछले 2 से 3 दिन से चल रहा है । लेकिन इन परिस्थितियों के पीछे की इनसाइड स्टोरी कुछ और ही बया कर रही है।
*करप्ट लोगो की आंख की किरकिरी बने तहसीलदार निगवाल*
दरअसल शासकीय भूमि एवं गोचर भूमि पर कब्जा कर फर्जी कॉलोनियां काटने वाले तहसीलदार निगवाल की ईमानदार कार्य प्रणाली से परेशान है ।पेटलावद के तहसीलदार हुकुमसिंह निगवाल जिनके द्वारा कई एकड़ गोचर हो या अन्य शासकीय भूमियो को भू-माफियाओ से मुक्त करवाने में अहम् भूमिका निभाई है जिसके उदाहरण नगर के राम मोहल्ला, बामनिया, करडावद, झकनावदा, रूपगढ़, रायपुरिया, बरडिया में हम लोग देख चुके है । तहसीलदार निगवाल की इन कार्यवाहीं से भू-माफियाओं ओर आतिक्रामण करता में हड़कंप मचा हुआ है । ऐसे में भू-माफिया ओर आगे कोई कार्यवाही नही चाहते की तहसीलदार निगवाल पेटलावद में रहकर शासन प्रशासन का ईमानदारी से कार्य करे। यहां तो भू-माफियाओं को ऐसा तहसीलदार चाहिए की उनकी हा में हा करता रहे और सरकार को चुना लगता रहे। सूत्रों की माने तो पिछले कई महीनों से भू-माफिया के द्वारा पेटलावद तहसीलदार निगवाल को यहां से हटाने के प्रयास कर रहे है और तहसीलदार अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन कर रहे है। कुछ भू-माफिया चाहते की तहसीलदार उनके कहे अनुसार काम करे जो तहसीलदार नही कर रहे है जिसके कारण भू-माफियाओं को तहसीलदार को किसी भी प्रकार से यहां से हटाना चाह रहे है कुछ फर्जी किसान बनकर शासकीय जमीनों पर कब्जा जमा रखा है उनके खिलाफ भी तहसीलदार निगवाल के द्वारा शासकीय जमीन छुड़ाने की करवाई की जा रही है इससे भी कुछ भू- माफिया एवं फर्जी किसान नेता बौखलाए हुए हैं वह एन केन प्रकारण दूसरों के कंधे पर बंदूक रख सोशल मीडिया पर तहसील दार हुकुम सिंह निगवाल को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है उसमें में कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगी लेकिन उसको ढाल बनाकर तहसीलदार पर आरोप लगा कर पेटलावद से हटाना चाहते हैं ताकि शासकीय जमीन पर फिर भू-माफिया एवं फर्जी किसान नेताओं का दबदबा बना रहे।
*निराधार आरोपो का तहसीलदार कर रहे खंडन*
वही तहसीलदार निगवाल ने सोशल मीडिया पर चल रहे अपने ऑडियो का खंडन करते हुए कहा कि जो सोशल मीडिया पर ऑडियो वायरल हो रहा है उसमें छेड़छाड़ कर मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है मेरे द्वारा किसी भी प्रकार का कोई अपशब्द नहीं कहा गया है जबकि मैंने व मेरे हल्का पटवारी , चौकीदार के द्वारा पीड़ित रामपुरिया निवासी को समझाइश दी थी परंतु पीड़ित ने मेरे हल्का पटवारी एवं चौकीदार के साथ अभद्रता की हल्का पटवारी जो की एक महिला है एवं उसके द्वारा उसके साथ हुई अभद्रता की रिपोर्ट भी मुझे सोपी गई है जिसकी जांच की जा रही है।