*सरकार बनाने में महिलाओं की रहेगी विशेष भूमिका, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का वोट प्रतिशत बड़ा*
*राजनीतिक पण्डित भी दंग, ज्यादा मतदान सरकार की योजनाओं के पक्ष में या आक्रोश..?*
*आकड़ो ओर प्रतिशत में 2018 के चुनावों के आसपास ही है पूरा समीकरण*
,,,मनोज पुरोहित,मनोज उपाध्याय,राजेश डामर,,
झाबुआ,,
प्रदेश विधानसभा के लिये 17 नवंबर को मतदान सम्पन्नन हुए। लोकतंत्र के महायज्ञ में मतदाताओं ने बढ़ चढ़कर अपने मतों की आहुति ईवीएम का बटन दबाकर दी ।
देर शाम तक लम्बी लाइनों में लगकर मतदाताओं ने मतदान किया। जिसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा दिखी । पूरे जिले में मतदान के बाद निर्वाचन कार्यालय से आंकड़े प्राप्त हुये उन पर नजर डाले तो
*पेटलावद में आंशिक कम प्रतिशत*
आकड़ो कि बात करें तो पेटलावद विधानसभा 195 की तो इसमें कुल मतदाताओं 287637 में से 228352 मतदाताओं ने मतदान किया जिसमें 114708 पूरुष और 113641 महिलाये व अन्य 3 शामिल है जिसका कुल मतदान प्रतिशत 79.39 रहा जो वर्ष 2018 के मतदान प्रतिशत 79.77 से 0.38 कम है।
*थांदला में आंशिक कम मतदान*
बात करे थांदला विधानसभा कि तो विधानसभा 194 की तो यहां कुल मतदाताओं 264507 में से 229991 मतदाताओं ने मतदान किया, जिनमें से 115847 पुरुष तो 114140 महिलाएं व अन्य 4 शामिल है जिनका कुल प्रतिशत 86.95 है जो 2018 के चुनावों प्रतिशत 87.05 से 0.10 प्रतिशत कम है।
*झाबुआ में बड़ा प्रतिशत*
यदि बात करे झाबुआ विधानसभा 193 की तो 312901 मतदाताओं में से 204892 मतदाताओं ने मतदान किया, जिसमें 103701 पुरूष तो 101186 महिलाओं व अन्य 5 ने मतदान किया जिनका कुल मतदान प्रतिशत 65.6 है जो वर्ष 2018 के प्रतिशत 56.69 से 08.92 ज्यादा है ।
*जिले सहित प्रदेश की स्थिति*
जबकि पूरे जिले का मतदान प्रतिशत 76.72 है और पूरे मप्र का मतदान प्रतिशत 76.22 है जो वर्ष 2018 के मतदान प्रतिशत 75.63 के मुकाबले 0.6 प्रतिशत ज्यादा है। सूत्रों के अनुसार लगभग 15 लाख से ज्यादा महिलाओं ने पुरूषों से ज्यादा मतदान किया है।
*उतसाहित है नेता और दल*
अब यदि इन आंकड़ों की तरफ देख तो पूरे प्रदेश में मतदान का प्रतिशत आंशिक रूप से बड़ा हुआ दिखाई दे रहा है । मतदाताओं की लंबी-लंबी कतरे और विशेष रूप से महिलाओं के द्वारा किए गए मतदान प्रतिशत की बढ़ोतरी से राजनीतिक पार्टियों और प्रत्याशी उत्साहित नजर आ रहे हैं और क़ई कयास लगाए भी जा रहे है ।वही इस बार युवाओं ने भी बढ़चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया है जो
*राजनीतिक पण्डित भी हैरान*
राजनीतिक पंडितों की माने तो कभी-कभी ज्यादा किया गया मतदान सरकार से नाराजगी का कारण भी हो सकता है , वहीं कुछ लोग इस बार महिलाओं की अधिक वोटिंग होने का कारण मध्य प्रदेश सरकार की लाडली बहन योजना को भी मान रहे हैं।
*सरकार बनाने में महिलाओं के वोट का बड़ा योगदान*
यदि दोनों ही फैक्टरों पर नजर डाली जाए तो इस बार राजनीतिक लोग किसी भी प्रकार से पूर्ण रूप से अपने सरकार बनाने के लिए दावे करते नजर आ रहे हैं वास्तव की स्थिति तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगी लेकिन इतना तय है कि इस बार विधानसभा में महिलाओं की भूमिका जरूर महत्वपूर्ण रहेगी।