श्री जयंतीलाल जैन का संथारे में हुआ स्वर्गवास।
पुत्र ने पिता को संथारा के प्रत्याख्यान करवाए।
(मनोज पुरोहित)
पेटलावद।श्री जैन तेरापंथ समाज के वरिष्ठ श्रावक जयंतीलाल जैन (76 वर्ष) का अल्पकालीन चौविहार संथारे (अनशन) में स्वर्गवास हो गया।
आप विगत लंबे समय से अस्वस्थ थे, अंतिम समय में पारिवारिक जनों ने उनकी स्वयं की स्वीकृति और परिवार व समाज के प्रमुख व्यक्तियों की साक्षी से उन्हें उनके छोटे पुत्र कमल जैन (उपासक) ने संथारे का प्रत्याख्यान करवाया, कुछ ही देर में संथारा पूर्ण हो गया।
मुक्तिधाम पर उनके दोनो पुत्रो रमण व कमल तथा पोतो पीयूष व विनय ने मुखाग्नि दी।
शाम को अयोजित स्मृति सभा (गुणानुवाद सभा) मे वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के वरिष्ठ श्रावक राजेन्द्र कटकानी, तेरापंथी सभा के अध्यक्ष नरेंद्र पालरेचा, महावीर समिति के उपाध्यक्ष चेतन कटकानी, मालवा सभा के उपाध्यक्ष फूलचंद कांसवा, निर्मलादेवी पटवा, पीयूष कोठारी, कृतिका जैन, दिया जैन, परिवार की बेटियों बहूओ, पोतियो-नातियो आदि ने मिलकर श्री जैन को श्रद्धांजलि दी।
विभिन्न वक्ताओं ने श्री जैन के पुरुषार्थी और कर्मशील व्यक्तित्व बताते हुए उनके श्रद्धामय जीवन के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। उन्हें एक भाग्यशाली व्यक्ति के रूप में व्याख्यायित करते हुए कहां की अंतिम समय में श्रावक का मनोरथ पूरा होना सौभाग्य की बात है। साथ ही बताया कि उन्होंने अपने पिता श्रद्धानिष्ठ श्रावक बागमल जी जैन से प्राप्त धार्मिक और सामाजिक विरासत को आगे बढ़ने का प्रयास भी किया।तेरापंथी महासभा के संघ समन्वय दिलीप भंडारी ने परम पूज्य आचार्य महाश्रमण जी के संदेश का वाचन करते हुए महासभा परिवार की ओर से श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम का संचालन राजेश वोरा ने किया।