*क्या फर्जी ,भगोड़े ओर बाहर से आने वाले शरणार्थीयो की पनाहगार बना आदिवासी अंचल?*
*बारूद के ढेर पर बैठी जनता कितने सुरक्षित हम*
*अमेरिका ने भेजा भारतीयों को वापस,
थांदला में मिला संदिग्ध, ओर क़ई घटनाएं,रहना होगा सजग*
मनोज पुरोहित,राजेश डामर,मनोज उपाध्याय
झाबुआ। हमारे आसपास पीछले दिनों ऐसी घटनाएं हुई है जिसने हमें अपने ओर अपने क्षेत्र की सुरक्षा पर विचार करने को मजबूर किया है ।
*अमेरिका ने वापस भेजे भारतीयों को*
पहली घटना में गत दिनो अमेरिका ने वहाँ बिन लीगल दस्तावेजो ओर पहचान के अवैध रूप से रह रहै भारतिय नागरिकों को जबरन भारत वापस भेजे जाने की घटना की चर्चा ने सिर्फ हमारे देश भारत में हो रही है बल्कि पूरे विश्व मे इसकी चर्चाएं है।
*थांदला में रह रहा फर्जी दस्तावेज बनाकर*
दूसरी घटना में हमारे पड़ोसी तहसील थांदला में फर्जी दस्तावेज बनाकर रह रहे एक शख्स का मामला प्रकाश में आया है ।
*शरणार्थियों के ऊपर जारी राजनीति*
वही बांग्लादेशी घुसपैठियों शरणार्थियों को लेकर हमारे देश मे चल रही राजनीतिक पार्टियों की स्वार्थजनीत रस्साकस्सी से भी हम सब वाकिब है ।
*घटनाएं जो करती है सोचने पर मजबूर*
पिछले कुछ समय से हमारे आदिवासी अंचल में भी इन अवैध गतिविधियों का संचालन बड़ा है । लव जेहाद के बढ़ते मामले, नशे के ज़हरीला कारोबार से भी इन लोगों के तार जुड़े हुए है। गत दिनो जावरा क्षेत्र में नशे के कारोबार से जुड़े लोगो के हमारे क्षेत्र कनेक्शन निकला है । जनवरी में श्री राम मंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान हुई घटना,। जैसी क़ई ऐसी घटनाएं है जो भले ही कहि आधिकारिक रिकार्ड में दर्ज न हो लेकिन हमारे क्षेत्र के जानकारों व आम जनता के बीच इन घटनाओ कि चर्चा और भय सीधा इशारा करता है कि अब हम ओर हमारा क्षेत्र पूर्ण सुरक्षित नही है ।
*बाहरी लोगों पर कोई नियंत्रण नही,कोई जानकारी नही किरायेदारों का अपडेशन भी नही*
इन सब घटनाओं से यह तथ्य सामने आया है कि अब हमारा शांतिप्रिय आदिवासी अंचल गलत काम करने वाले, फर्जी ओर भगोड़ों का कही पनाहगार तो नही बनता जा रहा है ।
बात करे यदि झाबुआ जिले में थांदला ,पेटलावद, क्षेत्र कि ही तो यहाँ क़ई लोग बाहर से आकर रह रहे जिनकी न तो कोई जानकारी है और न कोई रिकार्ड, नगर की अंबेडकर बस्ती में बने हुए मकानों शहित राजापुरा, तलाबपाडा, राम मोहल्ला, सिर्वी मोहल्ला, गांधी चोक, मोन्नत गली,माधव कॉलोनी जैसे बड़े इलाको में क़ई लोगों ने अपने मकानों को किराए पर दे रखे है ।किराएदारो की जानकारी थाने में देने की प्रक्रिया कॉफी समय से ठंडे बस्ते में पड़ी है ।
*मोनीटरीग के लिये अधिकारियों के सामने उठायी जा चुकी है मांग*
वही सूत्रों के अनुसार स्थानीय लोगों की बजाय बाहर से आनेवाले संदिग्ध लोग अपनी पहचान सम्बंधित दस्तावेज बनाने में भी सफल हो रहे व स्थानीय लोगो के बीच इस तरह से घुल मिल कर रहते है कि उन पर आसानी से कोई संदेह भी न हो । इसी के चलते हमारे क्षेत्र के जाग्रत समाजसेवी व धामिर्क संगठनो के कुछ समय पूर्व जिला स्तर के अधिकारियों को पूरे जिले में सघन चेकिंग अभियान चलाने व पहचान पत्रों के वेरिफिकेशन करने की मांग भी कि थी।
*रहना होगा हमे सजग*
हम अपने रोजमर्रा के कार्यो में इतने मशरूफ है कि हमारे आसपास क्या हो रहा है? कौन आकर रह रहा है ओर सम्बंधित की जानकारी और गतिविधि क्या है इसकी कोई सुध ही नही ले पाते है । ये बात भी स्पष्ठ है कि पुलिस ओर प्रशाशन चाहकर भी पूरे क्षेत्र में प्रत्येक आने-जाने वाले व्यक्ति पर निगरानी नही कर सकती है, इसके लिये हम लोगो को भी सजग होना होगा। ओर अपने आसपास या नगर में सन्दिग्ध लोगो को पहचानना होगा ताकि कोई अप्रिय घटना ने घटे ।