*श्री महाकाल मित्र मंडल झकनावदा ने साल की आखरी अमावस्या पर खिलाया मूक पशु -पक्षियों,मछलियों को बाटी ओर चूरमा*
*11सालों गो माता की करते बीमारी में सेवा,रक्तदान कर बचाते जीवन, धर्म-कर्म में रहते अग्रणी*
*मानवता ओर मूक पशुओं की सेवा के इस जज़्बे को सलाम, हो रही प्रशंसा*
(मनोज पुरौहित)
पेटलावद। 30 दिसम्बर सोमवार को पावन तिथि सोमवती अमावस्या पर झकनावदा क्षेत्र के महाकाल मित्र मंडल के सदस्यों ने नगर और आसपास के मुक पशु पक्षियों ओर स्वानो व मछलियों को बाटी ओर चूरमा बनाकर खिलाया।
*शास्त्रों में वर्णित है पुण्य कि जड़े होती पाताल में*
हमारे क्षेत्र में एक कहावत बहुत पुरानी ओर प्रचलित है कि पुण्य की जड़ पाताल में होती है*
सेवा ,नेककार्य ओर परोपकार ,सहयोग , सहित, मूक पशु पक्षियों की देखभाल ,उपचार ओर भोजन का प्रबन्ध करने के भी क़ई व्रतांत से हमारे शास्त्र भरे पड़े है । सनातन परम्परा हर मनुष्य यह प्रयास करता है कि उसके द्वारा कोई न कोई परोपकार का कर्म किया जाए ।परोपकार ओर सेवा के भाव के भी क़ई उदाहरण देखने, सुनने और पढ़ने को मिलते है । ऐसा ही सेवाभाव ओर परोपकार का कार्य पेटलावद मुख्यालय से 30 किमी की दूरी पर बसे क्षेत्र के प्रचलित कस्बे झकनावदा मे देखने को मिला है ।
*अमावस्या पर बनाते बाटी ,खिलाते पशु पक्षियों को*
झकनावदा के स्थानीय निवासियों का श्री महाकाल मित्र मंडल झकनावदा पिछले 10 वर्षों से प्रति अमावस्या को जीव जंतुओं को बाटी बनाकर पूरे नगर में महाकाल मित्र मंडल के सदस्य घूम-घूम कर खिलाते हैं । लग्भग 10 वर्षो से जारी यह परंपरा अनवरत चल रही गए है। उल्लेखनीय की हिन्दू कैलेंडर ओर संवत अनुसार मास में एक दिन अमावस्या ओर एक दिन पूर्णिमा का होता है ।
*साल की आखरी अमावस्या पर किया पुनीत कार्य*
श्री महाकाल मित्र मंडल प्रत्येक अमावस्या को बाटी बनाकर मूक पशुओं ओर पक्षियों को खिलाकर सेवा का कार्य कर रहा है ।इस बार 30 दिसम्बर सोमवार को सोमवती अमावस्या की फलदाई तिथि पर मण्डल ने साल की अंतिम अमावस्या पर ये पुनीत कार्य किया ।
*सन्कटकाल में की सेवा*धार्मिक कार्यो में भी अग्रणी*
मण्डल ने सभी जानवरों को कोरोना काल जैसे सन्कट के समय में न सिर्फ इस परम्परा को अनवरत रखा बल्कि महाकाल मित्र मंडल के सदस्यों ने सामुहिक रूप से रक्तदान करने के अलावा में गायों में जो लंबी नामक वायरस के प्रकोप के चलते गांठ बनने की बीमारी आई थी उसमें भी सतत चार-पांच माह तक गाय का लेप तैयार किया था वह काढ़ा बनाकर गायों के ऊपर छिड़काव करवाकर गो माता की सेवा की थी । इसके अलावा क्षेत्र की सामाजिक धार्मिक कार्यों ओर गतिविधियों के भी श्री महाकाल मित्र मंडल अग्रणी रहता ओर जीव दया समिति के माध्यम से जीवो की देखरेख वह उनकी बीमारियों पर भी अपनी मदद करता रहता है। श्री महाकाल मित्र मंडल केपुनीत सेवाकार्यों की चहुओर प्रशंशा हो रही है।