*ग्राम कोदली में 10 वे वर्ष धूमधाम ,श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा नवरात्रि पर्व*
*मित्र मण्डल कोदली की बैठक संपन्न हुई.*
(मनोज पुरौहित )
पेटलावद। नवरात्रि, हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति/देवी की पूजा की जाती है।नवरात्र भारत के विभिन्न भागों में अलग ढंग से मनाया जाता है। गुजरात में इस त्योहार को बड़े पैमाने से मनाया जाता है।
देवताओं, गुरुजन, अस्त्र-शस्त्र, अश्व आदि के यथाविधि पूजन की परंपरा है। नवरात्र के दौरान कुछ भक्त उपवास और प्रार्थना, स्वास्थ्य और समृद्धि के संरक्षण के लिए रखते हैं। नवरात्री के नौवें दिन, जिसे नवमी कहते हैं,
इस दिन 9 कन्याओं को घर में आमंत्रित कर उनकी पूजा की जाती है। कुछ लोग आठवें दिन यह पूजा करते हैं जिसे अष्टमी कहा जाता है। भक्त इस व्रत के समय मांस, शराब, अनाज, गेहूं और प्याज नहीं खाते।
प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष कुछ नया सोच के साथ नई झलक में खेड़ा देवी, सावन माताजी मंदिर के परिसर में सार्वजनिक बड़ी धूम-धाम नवरात्रि दुर्गा उत्सव के साथ मनाया जाएगा जिसको लेकर मंडली की बैठक का आयोजन किया गया ।जिसमें ग्राउंड में नवदुर्गा उत्सव को नव दिवसीय धूमधाम के साथ मनाने का निर्णय लिया गया है ।
गांव के सामाजिक कार्यकर्ता राजेश मैंडा ने बताया लगातार इस वर्ष 10 वा गरबा महोत्सव आयोजित होंगा। नई सोच ,नई उमंग के साथ रात्री में देखने को मिलेगा जो की पिछले 9 वर्षो से खेड़ा देवी मित्र मंडल यह द्वारा निरंतर माताजी का गरबा चल रहा है ।नवरात्रि के प्रथम दिन माता रानी का इतिहास जानिए भारत के गुजरात राज्य के पंचमहाल जिले के एक स्थान हैं जहां महाकाली का एक प्रसिद्ध मंदिर है वहां से माता रानी के आस्था का (जोत) दीप जलाकर गांव में प्रवेश के दौरान ढोल मांदल धमाका के साथ भ्रमण करते हुए माता जी के परिसर में माता रानी का जोत दीप प्रतिमा की विधिवत स्थापना की जाएगी इसके साथ ही मित्र मंडल ग्रुप के सदस्यो ने बताया है कि इस बार माता रानी का श्रृंगार स्वांग का भी आयोजन खेड़ा देवी मित्र के द्वारा आयोजन नव दिवसीय चलेगा प्रत्येक दिन की रात्रि के 9:00 बजे माता रानी की आरती उतारी जायेंगी।
तत्पश्चात गरबे का सबसे पहले श्री गणेश किया जाएगा फिर खेड़ा देवी गरबे में कोदली गांव के सभी ग्रामवासी ,बुजुर्ग ,महिलाएं बच्चे गांव के वरिष्ठ तड़वी, कोटवाल, सरपंच, और अन्य सभी गांव के सामाजिक संगठन मिलकर नवरात्रि का त्योहार धूमधाम ओर परम्परा व श्रद्धा के साथ मनाएंगे।