श्री राम का नाम लेने से होता भवसागर पार*
*जाप ओर विश्व कल्याण के निमित श्री रामशरणम संस्था कर रही महत्वपूर्ण योगदान प्रतिदिन होती अमृतवाणी*
(मनोज पुरौहित )
पेटलावद।राम से बड़ा राम का नाम है। सनातनी व्यक्ति विशेष रूप से ग्रामीण परिवेश में राम- राम करके ही अभिवादन करता है । रामनाम लिखने से समुद्र में पत्थर भी तैरने लग गए थे । रामनाम ही जीवन आधारा से लेकर रामनाम सत्य तक राम का ही नाम लिया जाता है । राम का नाम कण कण में समाया है
*श्री रामशरणम जैसी संस्थाओ कर रही महत्वपूर्ण योग्दान*
हमारे देश मे रामनाम के जप ओर विश्वकल्याण के उद्देश्य के लिये श्री रामशरणम जैसी संस्थाये भी लगातार कार्य करते हुए इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रही।
*आत्मशांति ओर विश्व कल्याण ही उद्देश्य*
इसी क्रम में राम नाम के जाप से विश्व कल्याण और आत्मशांति के निमित पेटलावद में भी श्री रामशरण संस्था लगभग 08 सालों से भी अधिक समय से अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
*2015 में हुई थी भवन की स्थापना*
नगर के वार्ड नं 07 शीतलामाता चोक पर बने हुए श्री रामशरणम भवन की स्थापना ओर शुभारंभ दिनाक 13.10.15 तत्कालीन भक्तो ओर परम पूज्य स्वामी सत्यानंदजी महाराज एवं परम पुरूष श्री प्रेमजी महाराज के विशेष कृपापात्र श्री नरकेवल बेदीजी महाराज के आशीर्वाद एवं सूक्ष्म उपस्थिति मे श्री अश्विनी बेदीजी महाराज के मार्गदर्शन मे स्थापना हुई थी ।
*सामूहिक जाप ओर अमृतवाणी*
उक्त भवन में प्रतिदिन प्रातः 05 से 07 बजे तक सामूहिक जाप एवं सायंकाल 07-30 से 08-30 तक अमृतवाणीजी का पाठ नियमित होता। है। जिसमे समय का अनुशासन एवं पालन होता है। प्रत्येक कार्यक्रम निर्धारित समय पर प्रारम्भ और पूर्ण होता है।उक्त भवन ओर संस्थान की स्थानीय व्यवस्था के लिये समिति वनी हुई है जो विजेंद्र जादोन्न एडवोकेट ,सचिव गोविंदशीह परमार ओर कोषाध्यक्ष श्रीमती नूतन घोड़पकर की देखरेख में कामकाज करती है। जिसमे विशेष सेवादार के रुप मे नन्दकिशोर चोहान (राम) अपनी सेवाएं देते हे।