*नगर की अयोध्या राममोहल्ला में विराजित है रामलला , वर्षो पुराना पुरातन मन्दिर पर होते क़ई आयोजन*
*प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की भव्य तैयारियां, भजन मंडली , सुंदरकांड ओर हवन शहित महाआरती ओर महाप्रसादी*
*पूजित अक्षत से निमंत्रण साहित्य वितरण, धर्मध्वजा ओर रामनाम लेखन सहित क़ई कार्य मे लगे समिति सदस्य*
(मनोज पुरोहित)
पेटलावद । आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में श्री रामलला के भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को पूरे नगर में ना ना प्रकार से तैयारी की जारही है ।नगर के विभिन्न मंदिरों पर निरन्तर कोई न कोई आयोजन प्रतिदिन चल रहे हे ।
*नगर में श्री राम जी पर होते है वर्षभर क़ई आयोजन*
पेटलावद नगररूपी अयोध्या के रामलला सुप्रसिद्ध ओर भक्तो की आस्था के केंद्र वार्ड 13 राम मोहल्ला स्थित श्री राम मंदिर है। जहां भगवान श्री राम , माता जानकी, भेया लक्ष्मण और वीर बाबा बजरंगबली श्री राम दरबार की वर्षो पुरानी प्रतिमाएं स्थापित है । जहाँ वर्षो से नित प्रतिदिन भगवान की सेवा,पूजा , अर्चना महाआरती ओर श्री रामनवमी, जन्माष्टमी ओर दीपावली शहित विभिन्न त्योहारों पर क़ई पण्डित पीयूष जोशी के द्वारा धर्म प्रेमी जनता के सहयोग से धार्मीक आयोजन सम्पन्नन किये जाते है । जिनमे नगरवासियों सहित बड़ी संख्या मे दूरदराज से आये हुए रामभक्त शामिल होते है ।
*प्राण प्रतिष्ठा निमित हो रहे विशेष आयोजन*
*पण्डित पियुष जोशी के द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि*
राम मंदिर पर अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर पिछले क़ई दिनो से विशेष आयोजन किये जा रहे है । जहां पूजित अक्षत कलश का वितरण का आयोजन इसी मन्दिर से किया गया । वही मन्दिर में विशेष साज, सज्जा, लाइटिंग के अतिरिक्त प्रतिदिन पूजन पाठ , के अलावा रात्रि में भजन के साथ ही 20से 22 जनवरी तक पारम्परिक लोक संस्क्रति ओर वाद्य यंत्रों के साथ स्थानीय ओर बाहर की भजन मंडलियों के द्वारा रात्रि में भजन सन्ध्या का आयोजन करते हुए राम गीत और भजन किये जायेंगे । वही 22 जनवरी को सुबह सुंदरकांड रूपी रामायण और पारायण पाठ ओर हवन के उपरांत महा आरती ओर महाप्रसादी का आयोजन होगा ।
*भव्य आयोजन की तैयारिया जोरो पर*
आगामी 22 जनवरी को भी मंदिर में भव्य आयोजन कि तैयारियां मोहल्ला समिति के सदस्यों के द्वारा की जा रही है । समिति के सदस्यों ने जहां मन्दिर कि विशेष साज सजावट, शहित पूरे क्षेत्र में घर घर ध्वजारोहण ओर धर्म ध्वजा लगाकर , दीवारों पर राम नाम लेखन के बाद के प्रतिदिन रात्रि में सन्ध्या फेरि की जा रही है । साथ ही इस भव्य आयोजन ओर महाआरती के लिये घर घर जाकर पूजित पीले अक्षत से निमंत्रण देते हुए साहित्य का वितरण किया जा रहा है ।