**काल उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का*
*उज्जैन में सीएम डॉ मोहन यादव ने रात्रि में रुककर तोड़ा हजारों सालों का मिथक*
*ब्रहांड के राजा करते अपनी प्रजा की रक्षा*
*क्षेत्र के विद्वानों ने बताया प्रबल राजयोग है डॉ सा की कुंडली मे*
मनोज उपाध्याय,मनोज पुरोहित,राजेश डामर
झाबुआ/उज्जैन । प्रदेश की कमान गत दिनों मुखिया सीएम डॉ. मोहन यादव के हाथों में सोपी गयी , प्रदेश के मुखिया या यूं कहें कि राजा बनने के बाद सीएम यादव शनिवार रात्रि को उज्जैन में ठहरे । महाकाल की नगरी ओर इस संसार के राजा बाबा महाकाल की नगरी में किसी सालों बाद किसी सीएम के रात्रि विश्राम को लेकर क़ई प्रकार की चर्चाएं जोरो पर है ।
*सालों से चल रहा है मिथक*
उललेखनीय हैकि सीएम ने हजारों साल का मिथक तोड़ दिया है । मुख्यमंत्री बनने के बाद डॉ मोहन ययादव पहली बार शनिवार रात (16 दिसंबर) उज्जैन में रुके। उज्जैन में रात नहीं रुकने की सालों से चली आ रही परंपरा को मोहन यादव ने तोड़ दिया है। दरअसल बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में एक परंपरा बहुत पहले से चली आ रही है कि यहां कोई पीएम या सीएम रात में नहीं रुकता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अगर उज्जैन में पीएम या सीएम रात्रि विश्राम करते है, तो उनकी कुर्सी चली जाती है। लेकिन अब इस मिथक को मोहन यादव ने तोड़ दिया है।
*उज्जैन में रात नहीं रुकने के मिथक को तोड़ा*
सीएम मोहन यादव के उज्जैन में रुकने के बाद पंडित और पुरोहित अपने-अपने मत दे रहे हैं। महाकालेश्वर मंदिर के पंडितों का कहना है कि मोहन यादव का उज्जैन में ही जन्म हुआ है। उनपर कोई मिथक का असर नहीं पड़ेगा। वहीं उज्जैन के एक पंड़ित का कहना है कि अगर महाकाल उज्जैन के राजा हैं तो हम सबके पिता भी हैं। वे जगत के पिता हैं, अगर कोई लोकतांत्रिक व्यवस्था का राजा उन्हें पिता मानकर उज्जैन में रुकता है तो कोई दिक्कत नहीं है। वे रुकने की अनुमति देंगे । वे रुकने की अनुमति देंगे। अगर मुख्यमंत्री खुद को राजा मानकर रात बिताएगा तो दिक्कत होगी। जबकि कुछ अन्य पंडितों का कहना है कि बाकी सीएम और पीएम की तरह मोहन को भी इस परंपरा का पालन करना चाहिए। बता दें, मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव उज्जैन के ही रहने वाले हैं। उनका घर गीता कॉलोनी में है।
*क्या है मान्यता*
मिथक है कि महाकाल राजा की नगरी में पीएम, सीएम रात नहीं रुकते, यदि रुकते हैं तो उन्हें अपनी सरकार से हाथ धोना पड़ जाता है। मिथकों के अनुसार महाकाल राजा की नगरी उज्जैन में मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति भी यहां रात नहीं रुक सकते। दरअसल, यह कोई नई परंपरा नहीं है। अवंतिका नगरी में राजा विक्रमादित्य की यह राजधानी थी। राजा भोज के समय से ही उज्जैन में कोई रात में नहीं रुकता था। इस मंदिर का निर्माण 1736 में हुआ है। परंपरा का पालन लोग उसी समय से करते आ रहे हैं।
,,,,,,उज्जैन का ये किस्सा चर्चा में*
कहा जाता है कि देश के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई एक बार उज्जैन आए थे। वे उज्जैन में ही रात रुक गए थे और अगले ही दिन उनकी सरकार गिर गई थी। ऐसे ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा भी उज्जैन बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए आए थे और यहीं रात रुक गए थे। नतीजतन 20 दिन बाद उन्हें अपने पद से त्याग पत्र देना पड़ा था।
*काल उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का*
महंत श्री दयाराम दास जी पीपल खुठा आश्रम ,, ने बताया की श्रद्धा ही भक्ति है आत्मविश्वास प्रबल है महाकाल की नगरी में जो जन्म लिया उसके लिए कोई विघ्न नहीं रहता महाकाल स्वयं पिता के रूप में उन्हें आशीर्वाद देते हैं
*पेटलावद के कर्मकांडी पण्डित पंकज नन्दन दवे*
ने बताया कि सीएम यादव स्वयं उज्जैन के निवासी है और बाबा महाकाल के भक्त ,महाकाल अपने भक्तो का कभी बुरा करते और सदैव अपने भक्तो की रक्षा करते है उनकी महाकाल की शरण मे गए व्यक्ति का काल कुछ नही बिगाड़ सकता । हमारे सीएम को कोई नुकसान नही होगा।
*प्रबल राजयोग है सीएम कि कुंडली मे*
*कतवारा दाहोद के शास्त्री जेमिनी महेश चंद्रशुक्ला*
ने बताया कि महाकाल इस सम्पूर्ण ब्रहांड के राजा है ओर सीएम , पीएम उनकी प्रजा है एक राजा कभी अपनी प्रजा का नुकसान नहीं पहुचा सकता ,वही डॉ मोहन यादव की कुंडली भाग्य में प्रबल राज योग है ,इसी के चलते वर्तमान ग्रहों की दशा उनके पक्ष में है ।
*रिकार्ड बनते ही है खंडित होने के लिये*
*झाबुआ के प्रसिद्ध चतुर्भुज ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र के पण्डित विश्वनाथ शुक्ला ने* बताया की मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव महाकाल के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बने हैं परंपरागत रूप से भले ही ऐसी कहावत हो की उज्जैन में कोई राजा रात नहीं रुक सकता ,किंतु महाकाल तो पूरे विश्व के राजा है और उनसे बड़ा कोई भी नहीं है बाकी सभी तो प्रतीकात्मक रूप से पद पर है इस कांरन से मुख्यमंत्री का उज्जैन रात्रि निवास करना कहीं भी कुछ अशुभ नहीं है, हम यह कहेंगे कि इससे महाकाल का आशीर्वाद मिलेगा और अधिक भक्ति और श्रद्धा जागेगी और गति के साथ प्रदेश के विकास कार्य को गति मिलेगी । सीएम डॉ यादव ने वर्षो के पुराने रिकार्ड को तोड़कर महाकाल बाबा के भक्तों में भक्ति और ऊर्जा का नया प्रवाह किया है ।